आम चुनाव. 2014 के परिणामों का विश्लेषण – राम मेहर मलिक

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आम चुनाव. 2014 के परिणामों का विश्लेषण

प्रिय साथियोए मैं आम चुनाव. 2014 के परिणामों का विश्लेषण आपके सामने दोहरा रहा हूँ तथा कुछ भी लिखने से पहले यह साफ़.साफ़ बताना चाहता हूँ कि मेरा किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई सम्बन्ध नहीं है बल्कि केवल मानवता के आधार पर या फिर देश के आज के हालात के हिसाब से ही एक कड़वी सच्चाई से आपका सामना कराने जा रहा हूँस हो सकता है आपका सम्बन्ध किसी न किसी पार्टी से रहा हो अतः आप सबसे भी निवेदन है कि कृपया आप उस रिश्ते को अलग रख कर इस विश्लेषण को पढ़ें और इसकी अच्छाई.बुराइयों का निष्पक्ष आंकलन करें.

देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए देश में बदलाव की सख्त जरूरत थी तथा जनता ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए बदलाव कर भी दिया है और यह भी सच है कि हमारे सामने आज की स्थिति के हिसाब से इस के सिवाय दूसरा कोई विकल्प बचा भी नहीं थास अतः जो भी देश की जनता ने फैसला किया है वह सोच समझ कर ही किया है क्योंकि विदाई वाली सरकार ने पिछले दस वर्षों में आम नागरिक को कष्ट ही दिए हैंस आम इन्सान लगातार बढ़ती महंगाई से परेशान थाए भुखमरी से परेशान थाए बेरोजगारी से दुखी थाए बढ़ते हुए बेकाबू भ्रष्टाचार से त्रस्त था तथा उसके सामने जो भी विकल्प थे उन में से जो सही लगा उसे उसने चुन लिया तथा अब आने वाली नई सरकार का नैतिक धर्म बनता है कि जनता के सामने किये हुए वायदे पूरे करे और उनकी आशाओं पर खरी उतरेस अब यह सब तो आने वाला समय ही बताएगा कि यह सरकार जनता कि उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती हैस इस समय तो हम इन्हें केवल शुभकामनाएं ही दे सकते हैं तथा आने वाले समय की इन्तजार करने के सिवाय हमारे पास और कोई रास्ता भी नहीं है.

अब आगे मैं आपको एक कड़वी सच्चाई से अवगत कराना चाहूँगास पिछले करीब ६७ वर्षों का इतिहास हमें बताता है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी देश कि असली समस्याओं से विचलित नहीं है तथा उन्हें जनता की भलाई से कोई ख़ास सरोकार नहीं रहा हैस भ्रष्टाचार कमोवेश हर पार्टी से जुड़ा हुआ है तथा गन्दे चरित्र के लोगों का हर पार्टी से नाता पहले भी रहा है और आज भी हैस अतः हमें चुनाव के नतीजों से बहुत अधिक प्रसन्न होने कि आवश्यकता नहीं हैस कोई व्यक्ति एक पार्टी में भ्रष्ट कहलाता है या चरित्रहीन कहलाता है तो कोई परेशानी की बात नहीं हैए वह उस राजनीतिक दल को छोड़ कर तुरन्त दूसरे दल का दामन थाम लेता है और वहां जाते ही उसके सारे अपराध नजरअंदाज हो जाते हैं और उस दल के लिए वह एक नेक इन्सान बन जाता हैस उसका वहां बाहें फैला कर स्वागत किया जाता है और तो क्या पिछले दल ने उसे टिकट नहीं दी थी तो यहाँ उसे खुद के सदस्यों से आगे बढ़ कर उसे टिकट दे दिया जाता है और जनता भी बगैर उसके दोषों को देखे तथा उसकी चरित्रहीनता को भी किनारे करते हुएए केवल उस राजनीतिक दल के नाम से उसे चुन कर संसद अथवा विधान सभा भेज देती हैस क्या हमारे लिए ऐसे व्यक्ति से कोई अच्छी उम्मीद लगाना बेमानी नहीं होगास तो क्या हमें अपनी अंतरात्मा के अन्दर झांक कर यह सोचने की आवश्यकता नहीं है कि हमने भावुक होकर एक गलत आदमी को अपना प्रतिनिधि चुनकर अपने हितों की रक्षा करने के लिए भेज कर मानवता के खिलाफ फैसला लिया हैस
अतः आप सबसे निवेदन करना चाहूँगा कि अब समय आ गया है कि राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुये हमें तुरन्त इन बातों का संज्ञान लेना होगा तथा अपने निजी हितों या निजी स्वार्थों अथवा रिश्ते.नातों से ऊपर उठकर एक कड़ा फैसला लेना होगास हमें राजनीतिक दलों से छुटकारा पाना होगा ताकि हम सबकी भलाई को देखते हुये और सबकी सहमति से अपनी पसंद के यानि जनता की पसंद के ईमानदार और चरित्रशील लोगों को चुन कर अपने सच्चे प्रतिनिधि के रूप में संसद या विधान सभा भेज सकेंस इससे हम असली आजादी पा सकेंगे जो कि अंग्रेजों के जाने के बावजूद भी हमें आधी.अधूरी ही मिल पाई है और इसी बात को ध्यान में रखते हुये हमने काफी लोगों से सम्पर्क एवं सलाह करने के बाद आने वाले हरियाणा विधान सभा चुनावों के मध्य.नजर ष्मतदाता संगठनष् का गठन किया है जहाँ किसी व्यक्ति विशेष के पास कोई अधिकार नहीं होंगे बल्कि सबकी आम सहमति से ही सभी प्रतिनिधियों का चयन अथवा चुनाव किया जायेगा तथा सबकी आम सहमति से ही सारे काम काज होंगे तथा सबकी भागीदारी से ही राज्य का दिन.प्रतिदिन का शासन चलाया जायेगा .

जहाँ हर व्यक्ति को अपने हितों के बारे में सोचने का अथवा फैसला लेने का हक़ होगास इससे हम उन महान शहीदों के सपने को साकार करते हुए उन्हीं के सपनों का भारत बनाने में अवश्य कामयाब हो सकेंगे और यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजली भी होगी जिन्होंने हमारे कल को सुरक्षित देखने के लिए हँसते.हँसते अपने आज को मिटा डाला थाए मगर कितने दुःख की बात है कि हमारे स्वार्थी राजनेताओं तथा उनके राजनितिक दलों ने आज तक उनकी शहादत का अपमान ही किया है तथा हमेशा अपने अथवा अपने दलों के निजी हितों को ही सर्वोपरि माना हैस इन्होंने देश अथवा देश की जनता को हमेशा नजरअंदाज ही किया हैस
अतः आप सभी से निवेदन है कि राज्य अथवा राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए अपने स्वयं के ष्मतदाता संगठनष् का तुरन्त हिस्सा बनें तथा अपने तरीके से सब की भलाई के लिए इसे आगे बढ़ाएं अथवा अपने सबके जीवन को खुशहाल बनाने के लिए अपना हर तरह से योगदान देंस आपको भरोसा दिलाना चाहता हूँ की आपको इसके लिए कभी पछताना नहीं पड़ेगा बल्कि अपने आप पर आप सभी को गर्व महसूस होगा .

आपके सकारात्मक कदम की इन्तजार में

आपका अपना

राम मेहर मलिक
फोन नंव दृ 9871759977

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