यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण फैसले – प्राधिकरण ने व्यवस्थापन नियमावली को स्वीकरा

Galgotias Ad

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण की 51वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हो गयी जिसमें प्राधिकरण ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। प्राधिकरण ने किसानों के हित में लंबित पड़े मामलों का अंतिम रुप दे दिया है। लम्बे अर्से से किसान संगठनों संगठनों द्वारा अतिरिक्त मुआवजा वृद्धि की मांग की गयी थी, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने मंत्री राजेन्द्र चैधरी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी थी, जिसपर उ.प्र. शासन द्वारा 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा देने का शासन ने निर्देश दिया था, जिसके क्रम में प्राधिकरण द्वारा बोर्ड बैठक में जनपद गौतमबुद्धनगर और बुलन्दशहर में 517.60 रूपये प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त मुआवजा दिये जाने का जाने का निर्णय लिया है। किसानों को बढ़ा हुई मुआवजा तभी दिया जायेगा जब किसान अपना कब्जा हटा लेंगे और कोर्ट में दायर रिट वापस लेगें और भविष्य में विकास कार्यों में किसी भी प्राकर का बाधा नहीं पहुंचायें हैं। भविष्य में भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध कोई मामला कोर्ट में नहीं लेकर जाएंगे। बोर्ड बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि किसान यदि बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं लेना चाहते हैं तो प्राधिकरण उन्हें 10 प्रतिशत छूट के साथ औद्योगिक भूखण्ड देगी, जो किसान कंपनी नहीं लगाना चाहते हैं तीन साल के अंदर उस प्लाट को बेच भी सकता है। जिन किसानों की जमीन ली जाती है उन्हें 7 प्रतिशत आबादी का भूखंड दिया जाता है, किसानों से जो भी आबादी का विकास शुल्क लिया जाता था, प्राधिकरण उसके एवज में धनराशि की कटौती करके भुगतान किया जायेगा। प्राधिकरण ने नई आवादी नियमावली को स्वीकार कर लिया है। नई नियमाली में 30-6-2011 के पूर्व निर्मित आबादी के एवज में 5 हजार वर्ग मीटर और उसके बाद 31-12-2012 तक के निर्मित आबादी के एवज में अधिकतम 3 हजार वर्गमीटर विनियमित किया जायेगा, जो किसान मुआवजा नहीं उठाया है उनको ही विनियमित किया जायेगा।वहीं प्राधिकरण ने पुस्तैनी गैरपुस्तैनी का मतभेद भी समाप्त कर दिया है। किसानों को जो भी अतिरिक्त मुआवजा दिया जायेगा उससे प्राधिकरण को 5245 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्राधिकरण के सीईओ पी.सी. गुप्ता ने बताया कि प्राधिकरण पर जो भी भार पड़ेगा उसको वित्तीय संस्थाओं और अलाटियों पर से वसूला जायेगा, साथ ही प्राधिकरण योजनाएं लाकर किसानों को मुआवजा देगी। प्राधिकरण वित्तीय स्थिति को देखते हुये लगभग दो वर्षों में अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान कर सकेगा। प्राधिकरण को 2,875 करोड़ रुपये का ऋण लेने की आवश्यकता होगी।

Comments are closed.