राष्ट्रीय साहित्य संगम में 8 पुस्तकों का विमोचन

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नई दिल्ली, 8 जनवरी। नई दिल्ली में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के राष्ट्रीय साहित्य संगम हॉल में “साहित्य इतिहास में मिथक और यथार्थ” नामक विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आयोजन दीनदयाल शोध संस्थान एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा सयुक्त रूप से किया गया. इस मौके पर प्रसिद्ध इतिहासकार कपिल कुमार, इतिहासकार रजनीश कुमार, माखनलाल लाल उपस्थित रहे। इस अवसर पर कपिल कुमार ने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास को तोड़मरोड़ के पेश किया जाता रहा है। यही काम फिल्म पद्मावती में किया गया. उन्होंने कहा की मैंने फिल्म देखी है और फिल्म में जिस तरह दिखाया गया है उसे देखने के बाद लगता है आम भारतीय समाज को ठीक तरह से पेश नहीं किया गया है। इसमें देश के लोगों को लड़ाने की बात की गई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा फिल्म को देखने के बाद ही मैंने इस अपना दृश्यों पर विरोध भी जताया है। कार्यक्रम के दौरान माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह द्वारा लिखी पुस्तक “हम असहिष्णुता लोग” का भी विमोचन किया गया। इसके अलावा आदि पत्रकार नारद जी पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया जिसके लेखक डॉ. ओमप्रकाश है. वही “राष्ट्रीय साहित्य संगम” हॉल में अन्य कार्यक्रम में 6 पुस्तकों का विमोचन किया गया। जिसमें-  ·         लिब्रेशन स्ट्रगल ऑफ़ हैदराबाद – अंग्रेजी ·         इजराइल विमुलतियो भारता सैनिकुला वीरुचिता पिरातम ? ऑन हिस्ट्री-  तेलगु ·         राष्ट्र सेविका सोदरी निवेदिता – तेलगु ·         मानामु भूमि पर्यावरणम –   तेलगु ·         युसफुल एंड इंटरेस्टिंग एनसोडॉट्स अंग्रेजी·         चरित्रानु विस्मारिस्ते फलिथम एला उनतूमदी- तेलगु

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