हकीकत या अफ़वाह – सुधीर बाबू

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हकीकत या अफ़वाह
सुधीर बाबू

चुनाव नजदीक आते ही ये क्या होने लगता है उ.प्र में, की हर पार्टी सिर्फ इसी समय उ.प्र के लोगों की हितैषी क्यों बनने पे लगी रहती है | खास कर दो पार्टियां भाजपाऔर सपा आखिर क्यों ? अब उ.प्र में 2017 में विधान सभा चुनाओ होने को है ऐसे में बीजेपी ,और खुद मौजूदा हालात में यू .पी की ें सत्ता में समाजवादी पार्टी की सरकार है | जैसा मोहौल शामली के कैराना में में बनाया गया है उसको यही देख कर लगता है कि ये राजनीतिक पार्टियां दंगे कराना चाह रही है | अब तक क्या ये लोग सो रहे थे जब कैराना से हिंदू जब पलायन कर रहेथे अब क्यों याद आयी इनको | कहा जा रहा है कि मुसलमानो की खौफ़ की वजह से हिंदू लोग पलायन कर रहे है | जब की सच्चाई विपरीत है और सब जानते है चुनाओ नजदीक आते देख सब अपनी वोट बैंक में लगे हुए है चाहे इनको लोकसभा चुनाओ की तरह विधान सभा चुनाओ में दंगा कराना पडे तो ये भी चूंकेगे नही |कोई कुछ बयान दे रहा है तो कोई कुछ कुछ मीडिया चैनल भी गलत दिखा रहे है |
तो साथ ही भाजपा सांसद हुकुमसिंह ने अपनी पार्टी की कैसी किरकिरी करवाई है। उ.प्र. के कैराना से लोगों के भागने की खबर सच्ची हो सकती है, क्योंकि रोजी-रोटी की तलाश में गांव तो खाली होते ही हैं लेकिन हुकुमसिंह ने जिन 346 परिवारों के पलायन का शोर मचाया, उनके बारे में साफ-साफ कहा कि वे मुसलमानों के डर के मारे भाग रहे हैं। वे हिंदू परिवार हैं। यह बात इतनी गंभीर है कि केंद्र सरकार और भाजपा को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए था। हकीकत साफ़ है कि आज कोई भी हिंदू परिवार अपना परिवार में ज्यादा संख्या में बच्चे नही चाहते है एक परिवार में दो या तीन या मुश्किल से चार इससे अधिक नही | लेकिन ठीक इससे विपरीत देखा जाये तो एक मुसलमान परिवार में कम से कम पांच या छ बच्चे या उससे भी ज्यादा संख्या में वो बच्चे चाहते है | क्यों कि वो अपने बच्चों को बचपन से हुनरमंद बनाते है इस लिये उन्हे कहीं पलायन करने की जरूरत नही पड़ती है लेकिन हिंदुओं के ज्यादा तर लोग हुनरमंद नही है और जो भी है वो अपने उस काम को करना नही चाहते है क्यों कि इससे वो अपने को छोटा महसूस करते है एक कारण ये भी है | लोग पलायन कर रहे है अपने रोजगार को लेकर | जब कि कैराना बोल बाला हिंदुओ का ही है वहाँ पर जितनी बडी चोरी .लूट खोसौट की घटना को अंजाम देने वाले ज्यादा तर हिंदू परिवार के युवा है जिनके पास इस काम के अलावा कोई अन्य रोजगार नही है | सरकार को इस पर विचार करना चाहिये कि कैराना में शामली में कोई कंपनी लगवानी चाहिये जिससे कि वहाँ के बेरोजगार लोगों का पलायन रुके| साथ मुसलमानों पर और हिंदुओं पर जो बच्चे पैदा करते चले जा रहे है उन पर कोई कानून लाओ | जिससे जनसँख्या भी जो लगातार बढती जा रही है उसकी रफ्तार कम हो | हम दो हमारे दो का नारा पता नही किस फ़ाइल में दफ़न हो गया है |बात हो रही कि मुसलमानों की खौफ़ से हिंदू पलायन कर रहे है | अब और कैराना के पास कांधला में भी कहा जा रहा है कि वहाँ भी मुसलमानो की खौफ़ से यहाँ भी हिंदू पलायन कर रहे है | ये क्या हो रहा है कि एक के बाद एक नया मुसलमान बनाम हिंदू मुद्दा बनाया जा रहा है वो भी चुनाओ के टाइम में |कोई भी भागे, वह हिंदू हो या मुसलमान हो या सिख हो, थोक में जब लोग अपना गांव छोड़कर भाग रहे हों तो राज्य के सामने यह बड़ी चुनौती होती है।कि वह उसका समाधान राज्य सरकार को करना चाहिये कि उसके लोग पलायन क्यों कर रहे है | भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यही मुद्दा सबसे अधिक चर्चित रहा। भाजपा के शीर्ष नेता भी फिसल पड़े। क्या ये सब ठीक हुआ है कैराना के बाद अब कंधाल ?जब कि केंद्र की सरकार ने इस सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए उप्र की सरकार को जिम्मेदार ठहराया।और है भी | लेकिन भाजपा के लोग भी कम नही है | उन्होंने इसे मुजफ्फरनगर के दंगों के साथ जोड़कर अगले चुनाव का मुद्दा बना दिया | हुकुमसिंह के दस्तावेज की जांच जमीनी हकीकत पर कैराना जाकर की तो सांसद महोदय के हाथ-पांव ठंडे पड़ गए।ऐसा जरूर हुआ होगा | उन्होंने एक दूसरी सूची भी जारी की लेकिन साथ में यह भी माना कि इसे हिंदू-मुस्लिम मामला बनाना गलत था। यह तो सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला है। हुकुमसिंह पढ़े-लिखे आदमी हैं। अगूंठा-टेक नहीं हैं। उन्हें गलतबयानी करने के पहले दस बार सोचना चाहिए। भाजपा का कितना बड़ा नुकसान हुआ। उसकी छवि खराब हुई। या खुद बीजेपी समझ रही है कि उनकी चाल काम नही आ पाई और पोल खुल गयी |यह सरकार जो अच्छे काम कर रही है, उसका प्रचार तो कम होता है लेकिन इस तरह के सांप्रदायिक और मूर्खतापूर्ण कार्य पार्टी-नेतृत्व को नीचा देखने के लिए मजबूर करते हैं। जहां तक कैराना का सवाल है, उसकी 85 प्रतिशत आबादी मुसलमान है लेकिन न तो बाबरी मस्जिद के वक्त और न ही मुजफ्फरनगर दंगों के वक्त वहां कोई दिक्कत तक नही हुई वहाँ के लोगों को | भाजपा ने तो अपनी इज्जत दांव पर लगा ही दी थी। साथ सपा भी कम नही अपनी करतूतों में | सपा सरकार चाहें तो राज्य में शांती बनी रहे |
लेखक – पेशे से स्वतंत्र पत्रकार है | (sudhir.babu.jimmc@gmail.com)

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