आई.टी.एस इंजीनियरिग काॅलेज में सोमवार दिनंाक 02 मई 2016 को सातदिवसीय फेकलटी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरूआत हुई
आई.टी.एस इंजीनियरिग काॅलेज में सोमवार दिनंाक 02 मई 2016 को सातदिवसीय फेकलटी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरूआत हुई, जिसका समापन शनिवार 07 मई 2016 को होगा। यह कार्यकम इलेक्ट्रीकल विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। ए. पी. जे. अब्दुल कलाम टेक्नीकल यूनिवसर्टी द्वारा प्रायोजित इस कार्यकम का ’’शीर्षक इनोवेसन एंण्ड एडवांस प्रेक्टीस इन पावर सीसटम एण्ड कन्टोल इंजीनियरिग’’ है।
चतुर्थ दिवस पर अतिथि डा0 एम.एम. त्रिपाठी व डा0 जी.एल. पाहुजा प्रमुख वक्ता रहे। डा0 त्रिपाठी का विषय समार्ट ग्रिड कम्यूनिकेशन व सिक्योरिटी चैलेंजिस था। अपने व्याख्यान में उन्होंने समार्ट ग्रिड नेटवर्क व उसके कम्पोनेन्टस को विस्तार में बताया। उन्होंने सोलर एनर्जी को वेक्लपीक उर्जा स्त्रोत के रूप में दैनिक जीवन में उपयोग करने की सलाह दी। आई.ओ.टी. व उससे जुडे शोध प्रस्ताव के बारे में प्रकाश डाला। साइबर सिक्योरिटी कीतना महत्वपूर्ण है इस विषय को उन्होंने उदाहरणों द्वारा प्रस्तुत किया। साइबर अटेक्स से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां हमें ध्यान में रखनी चाहिए।
कार्यक्रम के अगले सत्र में डा0 जी.एल. पाहुजा ने रिलायबिलिटी विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान की शुरूआत उन्होंने प्रोबेबलिटी व रिलायबिलिटी की परिभाषा से की। उन्होंने बताया कि किस तरह से ओद्ययोगिक व दैनिक जीवन में रिलायबिलिटी का क्या महत्व है। डा0 पाहुजा, एन.आई.टी. कुरूक्षेत्र में प्राध्यापक है और उन्हें तीन दशक से भी अधिक अनुभव है।
दिवस के दोनो ही सत्र प्राध्यापकों के लिए ज्ञान व्रधक है। इस कार्यकम में प्रदेश के विभिन्न काॅलेज से 30 से अधिक प्रध्यापक ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। कार्यकम का संचालन सुश्री दिव्या अग्रवाल ने किया। व आभार श्री उपेन्द्र अग्रवाल ने व्यक्त किया। कार्यकम का मुख्यउदेश्य प्रध्यापकों को आधुनिक तकनीक व विकास से जुडे पहलू से अगवत कराना है।