Arvind Kejriwal : Draft Bill Ready for Statehood to Delhi , BJP has worked hard for Full statehood to Delhi.
Video 1 https://www.youtube.com/watch?v=MhdUNsE2Nrs
Video 2 https://www.youtube.com/watch?v=HU1_F-WMpdU
Video 3 https://www.youtube.com/watch?v=UGy-HKuogn0
नई दिल्ली: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक ड्राफ्ट बिल पेश किया है, जिस पर 30 जून तक आम जनता की राय मांगी जाएगी और उसके बाद विधानसभा में प्रस्ताव लाकर इसको केंद्र के लिए बढ़ाया जाएगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस ड्राफ्ट बिल में सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली के अंदर NDMC इलाके में ज़मीन और पुलिस केंद्र के पास रहे, बाकी सब दिल्ली की चुनी हुईं सरकार को दिया जाए। केजरीवाल ने इस मौके पर बीजेपी और कांग्रेस को उनके पुराने वादे याद दिलाए, जिसमें उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की वकालत की थी। केजरीवाल ने कहा कि ‘यह लोगों और पार्टियों की काफी पुरानी मांग है। सीएम केजरीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को पुराने वादे याद दिलाए, लेकिन उन्होंने खासतौर से बीजेपी को याद दिलाया कि 1994 में उसके दिल्ली सीएम रहे मदन लाल खुराना ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की ज़रूरत और महत्त्व बताया, 1998 में सीएम रहे साहिब सिंह वर्मा ने इस बिल का ड्रिफ्ट तैयार किया और 2003 में लाल कृष्ण आडवाणी ने इसका बिल संसद में पेश किया। केजरीवाल ने कहा कि वह अब सभी पार्टियों से और पीएम से मिलेंगे और आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे।
दिल्ली बीजेपी के नेता हरीश खुराना ने कहा, कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं जैसे कि दिल्ली देश की राजधानी है, VVIP सिक्योरिटी, डिप्लोमेटिक एरिया जैसे मुद्दे हैं। साथ में बात यह भी है कि बीजेपी की केंद्र में सरकार ज़रूर है, लेकिन यह एक संविधान संशोधन का मामला है, जिसमे दो तिहाई बहुमत की ज़रूरत है, जो अकेले बीजेपी से बात करके नहीं हो सकता दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता के समक्ष इसका मसौदा पेश किया। केजरीवाल ने बुधवार को वेबसाइट पर मसौदा सार्वजनिक कर इस पर जनता से राय मांगी। हमने चुनावों से पहले जो वादा किया था वो पूरा किया है। इस बीच उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी भले ही दिल्ली को पूर्ण राज्य दिलाने का अपना वादा भूल गई है। बीजेपी ने 1993 और 2003 में जारी अपने घोषणापत्र में ये वादा किया था लेकिन उसे पूरा करना भूल गई।