राहुल के क्वात्रोचि के बेटे से संबंधों पर भाजपा ने कांगेस पर साधा निशाना

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SAURABH SHRIVASTAVA TENNEWS DELHI

 

भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं बोफोर्स दलाली कांड में उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने वाले वकील अजय अग्रवाल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बोफोर्स दलाली मामले के आरोपी ओटावियो क्वात्रोचि के बेटे मैसिमो क्वात्रोचि के साथ कारोबारी संबंधों को लेकर सवाल उठाये और उनकी उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की आज मांग की।

साथ ही अग्रवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गांधी से कई सवाल किये। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे समय जब ओतावियो क्वात्रोचि को देश से बाहर भगा दिया गया और केन्द्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) सरकार लंदन में उसके सील बैंक खातों को खुलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय तक को गुमराह करने से बाज़ नहीं आयी, ओतावियो के पुत्र ने बेंगलुरु में 2005 में एक कन्सल्टेंसी क्लबइन्वेस्ट खोली थी | जो देश में निवेश या कारोबार स्थापित करने वाली कंपनियों को परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए थी।

उन्होंने कहा कि मैसिमो क्वात्रोचि और राहुल गांधी के बचपन से ही बहुत घनिष्ठ संबंध रहे हैं। उनके पिता राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब भी राजीव गांधी कहीं बाहर जाते थे तो प्रियंका और राहुल क्वात्रोचि के घर पर रुका करते थे और सोनिया गांधी की माँ और बहन जब भी भारत आतीं तो क्वात्रोचि से जरूर मिलती थीं। इसी दौरान राहुल गांधी की मैसिमो से बहुत गहरी मित्रता हो गयी थी। उन्होंने कहा कि संप्रग के शासनकाल में जब ओतावियो क्वात्रोचि भगोड़ा करार दे दिये गये तो भी उनका बेटा अपना कारोबार चलाता रहा। दिल्ली में जनपथ पर स्थित एक पंचसितारा होटल में उसका कार्यालय था और राहुल गांधी उसमें अक्सर आया-जाया करते थे।

अग्रवाल ने कहा कि गत 15 साल से बोफोर्स के मुकदमे को उच्चतम न्यायालय में लड़ते हुए उन्हें दोनों परिवारों के काम करने के ढंग को समझने का मौका मिला है। यह भी उल्लेखनीय है कि संप्रग शासनकाल में स्पेक्ट्रम आदि अनेक घोटाले हुए, जिनमें बाहरी कंपनियों की भूमिका रही है। उसी दौरान अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले का भी पता चला, लेकिन ये सारे मामले दबाने के लिए हरसंभव हथकंडे अपनाये गये। उसी दौरान ओतावियो के अर्जेण्टीना में पकड़े जाने पर सरकार ने उसे वहां से रिहा कराने में मदद की।

उन्होंने कहा कि 1986 में बोफोर्स के मामले के तूल पकड़ लेने के बाद यदि गांधी परिवार को थोड़ी सी भी लोकलाज की परवाह होती तो क्वात्रोचि का बचाव नहीं करते, लेकिन उन्होंने उसे कानून के शिकंजे से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें इन सवालों का जवाब देना चाहिए कि उनके मैसिमो क्वात्रोचि से क्या संबंध हैं? मैसिमो को संप्रग सरकार के कार्यकाल में परामर्श सेवाओं के लिए कितने ठेके मिले? क्या अगस्ता वेस्टलैण्ड मामले में मैसिमो की कोई भूमिका थी?

वही सरकार ने मांग की कि ये आरोप देश की सुरक्षा की लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। अत: इनकी उच्चस्तरीय जांच करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अभी कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और 2019 में संभवत: प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी बनेंगे, लेकिन उससे पहले देश को उनकी नीयत पर संदेह वाले सवालों का जवाब चाहिए।

दूसरी तरफ अग्रवाल ने बोफोर्स मामले में संप्रग सरकार द्वारा अदालत पर दबाव डलवा कर मामले को दबाने का भी आराेप लगाया और कहा कि उन्होंने अदालत की दृष्टि से छूट गये अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं को रेखांकित करते हुए दोबारा उसकी सुनवाई की उच्चतम न्यायालय से अपील की है, जिसे सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर लिया है तथा जनवरी से उसकी सुनवाई शुरू हो जाएगी, जिससे इस मामले की सच्चाई सामने आ पायेगी।

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