सीलिंग के खिलाफ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिल्ली में अनेक अथॉरिटी काम कर रही है , जिनमें तालमेल का अभाव है | जिसके कारण दिल्ली का नियोजित विकास प्रभावित होता है | दिल्ली के मास्टर प्लान को सही तरीके से लागू करने एवं नियोजित विकास को गति देने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन हो | जिसमें केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ,डीडीए ,दिल्ली नगर निगम ,एनडीएमसी, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं व्यापारियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए |
साथ ही कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने प्रेस वार्ता करते हुए मांग की है कि केंद्र सरकार दिल्ली को सीलिंग से बचाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम लाए , जिसमें 31 दिसंबर 2017 की यथास्थिति को बरकरार रखा जाए और किसी के खिलाफ भी सीलिंग सहित कोई दंडात्मक कार्रवाई ना हो तथा भविष्य के लिए नियम कानून बेहद कड़े बनाए जाए और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो |
दूसरी ओर 351 सड़कों जो दिल्ली सरकार के पास वर्षो से लंबित है ,उसको तुरंत कमर्शियल अथवा मिक्स लैंड यूज़ के लिए अधिसूचित किया जाए | जब तक यह स्पेशल एरिया का रि डेवलपमेंट प्लान नहीं बन जाता , तब तक स्पेशल एरिया में सीलिंग सहित कोई कार्यवाही ना हो |
वहीं दूसरी तरफ खंडेलवाल का कहना है कि नगर निगम ने व्यापारियों से हजारों करोड़ रूपये पार्किंग शुल्क के रुप में वसूले हैं इसलिए नगर निगम को तुरंत दिल्ली भर में पार्किंग स्थान विकसित करने चाहिए | पूरी दिल्ली में समान रूप से अतिरिक्त निर्माण पर एफएआर को 400 तक बढ़ाया जाए ,जिन लोगों ने 10 साल तक कन्वर्शन शुल्क दिया है ऐसे लोगों से अब और कोइ कन्वर्शन शुल्क ना लिया जाए | जो लोग किसी कारण मैं अभी तक कन्वर्शन शुल्क 10 साल तक नहीं दे पाए हैं उन्हें एक मौका दिया जाए और कोई भी पेनल्टी अथवा ब्याज नहीं लिया जाए |