नई दिल्ली :– राफेल विमान सौदे को लेकर लगातार विपक्ष पार्टी केंद्र सरकार को चारों तरफ से घिरती दिख रही है । वही आज फिर विमान खरीदनें में कीमत और शर्तों में किए गए बदलाव को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है ।
कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रेस वार्ता करते हुए राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया । इस दौरान उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के बचाव की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके हर बयान से केंद्र सरकार और ज्यादा घिरती जा रही है ।
साथ ही आनंद शर्मा ने कहा कि देश की रक्षा मंत्री अहंकार में डूबी हैं और कड़वी जवान रखती हैं , वह शहीदों और नेताओं का अपमान करती हैं ।
वही आनंद शर्मा ने रक्षा मंत्री पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया । साथ ही संवाददाताओं से बात करते हुए आनंद शर्मा ने पीएम मोदी से भी राफेल सौदे को लेकर सवाल पूछे । उन्होंने कहा कि इस मामले में सीधा आरोप पीएम मोदी पर है , लेकिन वह इसपर कुछ नहीं बोल रहे और उनकी तरफ से दूसरे लोग लगातार सफाई देने सामने आ रहे हैं ।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी देश के प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं?
वही दूसरी तरफ आनंद शर्मा ने बीजेपी के उन आरोपों का भी जवाब दिया जिसमें इस डील के तहत रिलांयस को कांग्रेस शासन में शामिल करने की बात कही थी ।
उन्होंने कहा कि 2007 में आरएफपी के लिए ग्लोबल टेंडर हुआ और 2012 में राफेल L1 चुना गया कॉन्ट्रेक्ट पर दोनों सरकारों के हस्ताक्षर हो चुके थे केवल लाइफ साईकल कॉस्ट पर बात रुकी हुई थी । 13 मार्च 2014 को एचएएल और दसॉल्ट के बीच वर्क शेयर अग्रीमेंट पर समझौता हो चुका था । उस दौरान टेंडर के दस्तवेज पर सब उल्लेख है कि भारत की जरूरत कैसी है?
उन्होंने कहा कि 25 मार्च 2015 को दसॉल्ट के प्रमुख ने एक बयान दिया कि हमनर कांट्रेक्ट फाइनल कर लिया है केवल दस्तखत बाकी है।