दिल्ली की केजरीवाल सरकार करेगी जीएसटी और नोटेबंदी से हुए नुक्सान का सर्वे
ROHIT SHARMA
LOKESH GOSWAMI
NEW DELHI : दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस वार्ता करते हुए बताया की नोटबन्दी और जीएसटी से दिल्ली को कितना नुकसान हुआ इस पर केजरीवाल सरकार सर्वे कर रही है।
मनीष सिसोदिया के मुताबिक सरकार के अलग अलग विभागों के ज़रिए आंकड़े इकट्ठे कर रही है । हालांकि जब पूछा गया कि दिल्ली में रोजगार पर या आर्थिक स्तिथि पर कितना असर पड़ा, तो सिसोदिया ने कहा कि फिलहाल कोई आंकड़े उपलब्ध नही हैं। साथ ही मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की यशवंत सिन्हा ने आर्थिक स्तिथि को लेकर एक आर्टिकल लिखा है | जिसमे दो बड़े नेताओं चिदम्बरम और सिन्हा ने यह बताया है की पिछले दिनों देश की आर्थिक हालत किस तरह देश को डुबा रही हैं
मनीष सिसोदिया का कहना है की कुछ टॉप घरानों का फायदा हो रहा है लेकिन आम लोगों का नुकसान हो रहा है | मोदी सरकार ने 2014 में कई बड़े बड़े वादे किए थे, लेकिन आज देश की आर्थिक स्तिथि को गड्ढे में डाला जा रहा है | देश के चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। सबसे कम स्तर पर जीडीपी , 2014 के मुकाबले 2017 में बेहद नीचे गिर गयी है | यहां जीडीपी 1% कम होने का मतलब है देश मे डेढ़ लाख करोड़ का नुकसान होना | पिछले 25 साल यानी 1992 से 2017 में सबसे कम प्राइवेट कंपनियों का निवेश रह गया है | रोजगार के बड़े वादे हुए लेकिन हर साल 1 करोड़ 20 लाख युवा नौकरी के लिए तैयार होते हैं। जबकि स्टार्टअप इंडिया के बावजूद जॉब नही है
मनीष सिसोदिया ने बताया जीडीपी गिरने की वजह:
नोटबन्दी बड़ा फेलियर था, देश की अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा नुकसान हुआ। 150 लोग मारे गए, 15 लाख लोगों की नौकरी गयी | जीएसटी एक अच्छा आईडिया था लेकिन इसका डिज़ाइन से टैक्स चोरी बढ़ गयी है | दिल्ली सरकार ने रेड राज खत्म किया। 32 हजार करोड़ से आज 48 हजार करोड़ के बजट पर दिल्ली सरकार खड़ी है लेकिन केंद्र सरकार ने रेड राज को बढ़ावा दिया है | आम जनता के संविधान को सुरक्षित करने में मोदी सरकार फैल हो रही है। पत्रकार मारे जा रहे हैं, असहिष्णुता बढ़ रही है, गुंडई को बढ़ावा दिया जा रहा है, गाय के नाम पर हत्या हो रही है |
विजय माल्या जैसे लोगों को हाथ से जाने दिया गया। 8 लाख करोड़ के लोन की तरफ ध्यान नही दिया गया। स्किल इंडिया की बजाय लाठी इंडिया पर काम हो रहा है.