महाकवि जयशंकर प्रसाद की 129वीं जयंती पर आईएएस राकेश कुमार मिश्रा के काव्य संकलन का विमोचन

VISHAL MALHOTRA ( PHOTO/VIDEO - JITENDER PAL) 30/01/2019- TEN NEWS

Galgotias Ad

नई दिल्ली :– देश की राजधानी में ‘जयशंकर प्रसाद : साहित्य और चिंतन ‘ विषय पर महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउंडेशन और मैत्रेयी महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस दौरान नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत आईएएस राकेश कुमार मिश्रा द्वारा लिखी किताब का भी विमोचन हुआ। राकेश मिश्रा पिछले कई दशकों से कार्यकाल की जिम्मेदारियों के साथ साथ कविताएं भी लिखते आ रहे हैं ।



उनके द्वारा लिखित “चलते रहे रात भर”, “अटक गई नींद”, “ज़िन्दगी एक कण है”, तीन रचनाओं पर आधारित पुस्तक का इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज में विमोचन किया गया।

भारतीय महाकवि जयशंकर प्रसाद के 129वें जन्मदिवस की खुशी में राकेश कुमार मिश्रा ने कहा की आज का दिन उन्होंने अपनी रचनाओं के लोकार्पण करने के लिए सबसे उपयुक्त समझा।

अपनी रचनाओं के संकलन के लोकार्पण के अवसर पर उन्होंने कहा, “मैनें करीबन 10 साल किसी के सामने ज़िक्र नहीं किया कि मैं लिखता भी हूँ। लेकिन जब मुझे ये समझ में आने लगा कि मैं जो लिखता हूं वो कविताओं के रूप में बेहतर तरीके से प्रस्तुत की जा सकती है, मैं अपनी सारी कविताओं को इकट्ठा करने लगा। जब मेरे प्रियजनों को मेरी कविताएं पसन्द आने लगी, सबने मुझे एक किताब में इन्हें समेटने को कहा। आज मैं बेहद खुश हूं क्योंकि मेरी रचनाओं को इतने अच्छे दिवस पर विमोचित होने का मौका मिला।”

राकेश मिश्रा की कविताएं दैनिक जीवन में प्रयुक्त साधारण बिम्बों के द्वारा मानवीय संघर्ष की तस्वीरें खिंचती है। कविता की छोटी-छोटी पंक्तियों में वे समाजिक विसंगतियों एवं निरावृत सत्य का एक पूरा परिदृश्य अंकित करते हैं। वे अपने आस-पास की सारी जानी हुई चीज़ों को बिल्कुल साफ सुथरे और विश्वसनीय ढंग से व्यंजित करते है।

संगोष्ठी के आरंभ में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.हरित्मा चोपड़ा अतिथियों का स्वागत किया।महाविद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कंसल ने कार्यक्रम की सफलता की शुभकामना दी। इस अवसर पर जयशंकर प्रसाद के प्रपौत्र श्री विजय शंकर प्रसाद ने महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउंडेशन का परिचय देते हुए प्रसाद साहित्य के विविध पक्षों पर किए जाने वाले आयोजनों में हर प्रकार से सहयोग करने का वचन दिया।हंसराज महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.रमा ने अध्यक्षीय वक्तव्य दिया।

इस अवसर पर राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी भी उपस्थित थे।इन संकलनों पर बोलते हुए डॉ.करुणाशंकर उपाध्याय ने कहा कि मिश्रजी की कविताएं सहज मन की स्वाभाविक अभिव्यक्ति हैं।हिंदी कविता के क्षेत्र में ऐसे वरिष्ठ आई.ए.एस.अधिकारी का आगमन एक शुभ लक्षण है।उद्घाटन सत्र का सूत्र – संचालन डॉ.महेंद्र प्रजापति ने किया।

बाद के सत्र में डॉ.कैलाश नारायण तिवारी, डॉ.यामिनी गौतम ,डॉ.आलोक तिवारी तथा डॉ.विजयकुमार मिश्र ने प्रसाद साहित्य के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला।डॉ.गोपेश्वर सिंह ने जयशंकर प्रसाद को सांकेतिक विद्रोह का कवि कहा जिनका सही मूल्यांकन होना अभी बाकी है।अंत में कार्यक्रम की संयोजिका डॉ.गीता पांडेय ने आभार ज्ञापित किया।इस मौके पर दर्शन पांडेय, डॉ.उषा राकेश जैन, डॉ.मोहिनी,डॉ.शशि वशिष्ठ , डॉ.वीणा अग्रवाल, डॉ.सुरेन्दर कौर तथा हिंदी विभाग की अन्य प्राध्यापिकाओं समेत भारी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थीं।

//tennews.in/delhi-university-recalls-legendary-poet-jaishankar-prasad-on-his-birthday-ias-rakesh-kumar-mishra-launches-his-3-poetic-collection-photo-highlights/

Leave A Reply

Your email address will not be published.