दुष्कर्म के मामले में पीड़िता और गवाह अपने बयान से मुकरे , कोर्ट ने किया आरोपितों को बरी
ROHIT SHARMA
नोएडा :– फिल्मों में आपने हमेशा देखा होगा की रेप के मामले पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस आरोपी को पकड़कर कोर्ट में पेश करती है , फिर कोर्ट में सुनवाई होती , जिसमे पीड़िता जज के सामने अपना पक्ष रखती है , लेकिन अगर अपने पीड़िता अपने ब्यान से मुकर जाए तो आरोपियों को बरी कर दिया जाता है | ऐसा ही मामला गौतमबुद्ध नगर के जिला अदालत में देखने को मिला |
जी हाँ , हम बात कर रहे है करीब 10 महीने पहले मामले की , जहाँ नोएडा के सेक्टर 49 थाना इलाके में 26 मार्च, 2018 को एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला समाने आया था , जिसको लेकर पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था |
आरोप था की बरौला में झोपड़ी में सो रही 13 साल की लड़की को पास में रहने वाले प्रभात, रोशन और दिलखुश मुंह दबोचकर नाले के पास ले गए। रोशन ने लड़की से दुष्कर्म किया। उसके दोनों साथी पीड़िता के हाथ-पैर पकड़े रहे। उसके चीखने की आवाज सुनकर परिवार वाले मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र जिला अदालत में दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई बुधवार को गौतमबुद्ध नगर की जिला अदालत में की गई |
वही नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में गवाह और पीड़ित कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गए। इसके बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपितों को बरी कर दिया। आपको बता दे की मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज-1 डॉ. अशोक कुमार सिंह की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान लड़की के पिता बयान से मुकर गए। उन्होंने कहा कि लड़की ने घर आकर दुष्कर्म की बात बताई थी, लेकिन उसने रोशन, दिलखुश और प्रभात का नाम नहीं बताया था।
साथ ही पीड़ित लड़की ने भी बयान बदलते हुए कहा कि वह डर से चिल्लाते हुए भाग गई थी। उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। हालांकि डॉक्टर ने अपने बयान में हायमन में हल्का रक्तस्राव बताया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। लिहाजा कोर्ट ने दिलखुश, प्रभात और रोशन को बरी कर दिया। फ़िलहाल रोशन और प्रभात जेल में बंद हैं। कोर्ट ने दोनों को रिहा करने का आदेश दिया है। दिलखुश इस समय जमानत पर है।
वही दूसरी तरफ बयान बदलने वाले लड़की के पिता को पक्षद्रोही घोषित किया गया। उस पर धारा-344 के तहत मुकदमा दर्ज कर नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया गया।
खासबात यह है की इस मामले में पीड़िता के पिता ने ही इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था , साथ ही इन सभी आरोपियों की पहचान खुद पीड़िता ने की थी , इसके बावजूद आखिर पीड़िता और उसके पिता अपने ब्यान कैसे मुकर गए , जो एक सवाल मन में खड़ा कर देता है ? क्या आरोपी की तरफ से कोई दवाब पीड़ित परिवार पर आ रहा था , जिसको लेकर ब्यान बदल गए | अब देखने वाली बात होगी की इस मामले में पुलिस का क्या कार्यवाही करती है |