जाने जीएसटी से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी एक्सपर्ट सुशिल जैन से इस ख़ास बातचीत द्वारा

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Ashish Kedia
Jitendra Pal
 केंद्रीय सरकार ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने की अधिसूचना जारी करती है परंतु अभी भी यह   नए कानून को लेकर कई तरह के भ्रम की स्थिति बनी हुई है इस मुद्दे पर और स्पष्टीकरण के लिए हमने बात की जीएसटी के एक्सपर्ट और फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुशील  जैन जी से
टेन न्यूज़: जीएसटी क्या है और इससे जुड़े मुख्य बातें क्या है?
सुशिल जैन : जीएसटी के अंतर्गत केंद्र सरकार ने वैट, सेल्स टैक्स,  एक्साइज ड्यूटी इंटरस्टेट ट्रांजेक्शन जैसे कई तरह के टैक्स को एक दायरे में बांधने की कोशिश की है.  परंतु जीएसटी से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या यह है कि अभी भी सरकार की तरफ से किसी तरह की जागरुकता फैलाने की कोशिश नहीं की गई परंतु आम  व्यापारी को  ठीक से जानकारी ना होना एक बहुत बड़ी समस्या है हम अपने स्तर पर  कई सेमिनार एवं समूह संवादों द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने और जीएसटी के विषय में अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं यह हमारा निजी स्तर पर प्रयास है और हमें इस में सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला है

टेन न्यूज़:- क्या सरकार की तरफ से जागरूकता फैलाने के लिए किसी भी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं और आप इन प्रयासों से कितने संतुष्ट हैं?
सुशिल जैन :सरकार की तरफ से कुछ प्रयास हो रहे हैं पर मोटे तौर पर देखा जाए तो यह बस औपचारिकता मात्र है मेरा मानना है जीएसटी जैसी गंभीर विषय को 1 दिन में समझना या समझाना बहुत मुश्किल है.
टेन न्यूज़:- जीएसटी के अंतर्गत माल अथवा ट्रेड सर्विस को किस तरीके से वर्गीकृत किया गया है?
सुशिल जैन: जीएसटी में जिस तरह से माल शब्द को जोड़ा गया है मेरा मानना है वह टैक्स वसूलने के अलावा और किसी भी तरह का प्रयोजन सिद्ध नहीं करता है. जीएसटी मूलभूत रूप से एक गुड्स एंड सर्विस टैक्स लॉ है इसमें ट्रेड को जोड़ना काफी हद तक गलत है . जीएसटी में जिस प्रकार से मूवमेंट पर टैक्स लगाया गया है वह व्यापारियों  के हित के अनुरूप नहीं है मेरा मानना है कि इसका वर्गीकरण बेहतर तरीके से हो सकता था
टेन न्यूज़ : जीएसटी के अंतर्गत इंटरस्टेट और इंटरेस्टेड ट्रांजैक्शंस के लिए किस तरह के प्रावधान किए गए?
सुशिल जैन: जीएसटी के तहत मूवमेंट के आधार पर टैक्स वसूला जा रहा है इंटरस्टेट और इंटरेस्ट रेट की बात छोड़ दी जाए तो दुकान से सामान बाहर आते ही उस पर एक नया टैक्स लागू हो जाएगा इस तरह का प्रावधान ग्राहक और व्यापारी दोनों के लिए हानिकारक है और मेरा मानना है कि इसे बदला जाना चाहिए
टेन न्यूज़ : जीएसटी में आपके अनुसार क्या सुधार होने चाहिए और  आपके सरकार के लिए किस प्रकार के सुझाव होंगे?
सुशिल जैन:- मेरा मानना है सरकार को थोड़ा और समय लेना चाहिए था जीएसटी को लागू करने के लिए 1 जुलाई के बजाय अगर यह सितंबर से लागू होता तो काफी बेहतर रहता  व्यापारियों में जागरूकता की बहुत ज्यादा आवश्यकता है और उसके लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए
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