इलेक्शन कमीशन और बीजेपी पर गोपाल राय ने साधा निशाना कहा कि कल देश के माननिय चुनाव आयुक्त ऐ के ज्योति ने पहली बार एक ऐतिहासिक निर्णय राष्ट्रपति के पास भेजा है कि दिल्ली में आप पार्टी के निर्वाचित 20 विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए। पूरा देश आश्चर्यचकित है कि माननिय चुनाव आयुक्त ऐ के ज्योति को आख़िर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि 2 दिन के मेहमान जो 23 जनवरी को रिटायर्ड होने जा रहे हैं उन्होंने ऐसा फ़ैसला क्यों दिया। मीडिया में झूठी ख़बर फैलायी जा रही है कि आयोग ने पूरा मयंक दिया विधायकों को अपना पक्ष रखने का
आप सब जानते हैं कि अंग्रेजो के राज में भी जब भगत सिंह, राजगुरु को फाँसी की सज़ा सुनाई गयी थी उस समय भी कम से कम जिसपर आरोप था उसे सुनने का नाटक किया जाता था। लेकिन मोदी राज में भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बिना पक्ष सुने फ़ैसला दिया जा रहा है।
गोपाल राय ने काग़ज़ दिखाते हुए कहा- 23 जून 2017 में आख़िरी सुनवायी कि सुनवायी जारी रहेगी और अगली तारीख़ निर्धारित कर सुनवायी की आपको सूचित किया जाएगा। लेकिन सुनवायी की कोई सूचना नहीं दी गयी
किसे दिया गया है ये तोहफ़ा
18 दिसम्बर को हिमाचल गुजरात चुनाव की गिनती होगी लेकिन गुजरात चुनाव की तारीख़ का एलान नहीं हुआ, इसलिए क्यूँकि ऐ के ज्योति मोदी जी के खासमखास है। वो मोदी जी प्रिन्सिपल सेक्रेटेरी रहे हैं। और उन्हें लाभ के पद की सच्चाई पेश करना चाहते है।
हरियाणा में चार संसदीय सचिव हैं हिमाचल कई जगह शिकायत दी गयी लेकिन कोई सुनवायी नहीं हुई 13 मार्च सरकार का ऑर्डर दिखाते हुए- सरकार ने पहले ही साफ़ कर दिया कि उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाएगीरोगी कल्याण समिति पर मान लें तो राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है दिल्ली में रोगी कल्याण समिति 2006 से ही ऑफ़िस आफ प्रोफ़िट से बाहर है