ग्रेटर नॉएडा इमारत हादसा : टेन न्यूज़ टीम की नोएडा और ग्रेटर नोएडा के गणमान्य लोगों से खास बातचीत

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ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में मंगलवार को देर रात दो बहुमंजिला इमारतें गिर गईं | इस हादसे में अभी तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है | मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की संभावना है | बिल्डर समेत चार लोग हिरासत में ले लिए गए गए हैं | अभी तक की जांच के मुताबिक इमारतें अवैध रूप से बन रही थीं | बिना नक्शा पास किए निर्माण किया जा रहा था और सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया गया था |

Photo- Indiatoday

आपको बता दे की इस इलाके में छोटे बिल्डर सक्रिय हैं जो पार्टनरशिप में छोटे प्रोजेक्ट बनाते हैं , ये लोग ग्राहकों को फांसने के लिए हर संभव कोशिशें करते हैं | सरकारी विभागों और बैंक से जुड़े लोगों को भी अपने साथ मिला लेते हैं और फिर खुल कर लूट मचाते हैं | दरअसल ये बिल्डर अनोखी और नई-नई स्कीम्स के जरिए लोगों को घर का सपना दिखाते हैं , लेकिन हकीकत में ना तो मानकों का पालन करते हैं और ना ही सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. लिफ्ट से लेकर पार्किंग तक और पावर बैकअप से लेकर तीन बालकनी तक के झांसे दिए जाते हैं | सवाल ये है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है? जिसको लेकर आज टेन न्यूज़ की टीम ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के गणमान्य लोगों से खास बातचीत की |

इस मामले में कोनरवा के सचिव संजीव कुमार का आरोप है की इस हादसे के पीछे प्राधिकरण और प्रशासन है | ये लोग घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल करते हैं. ईंटें कमजोर लगाई जाती हैं | सरिया कम लगाया जाता है | नींव 5-6 फुट की जगह 2-3 फुट की डाली जाती है | सीमेंट घटिया लगाया जाता है और बिजली-पानी के पाइपों-तारों की फिटिंग भी चलताऊ की जाती है | लेकिन सवालिया निशान ये खड़ा होता है की जब इस जगह ये अवैध इमारत बन रही थी , तब क्या प्राधिकरण और प्रशासन सो रहा रहा था , जब ऐसे हादसे होते है तब सभी प्राधिकरण और प्रशासन के अधिकारी जाग जाते है | साथ ही उन्होंने बताया की इंसानी जिंदगी की कीमत केवल मुआवजों में आंकी जाती है। ज़िम्मेदार प्रशासन और संवेदनशील सरकारें हों तो ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं और गैरकानूनी इमारतों को बनने से रोका जा सकता है ।

उनका कहना कहना है की प्राधिकरण और प्रशासन के बेगर कैसे अवैध इमारत बन सकती है , अगर प्राधिकरण और प्रशासन जागरूक होता तो ये हादसा नहीं होता | साथ ही उनका कहना है की लालची बिल्डरों को केवल अपनी जेबें भरनी होती हैं , उन्हें जनता की जान की कोई फिक्र नहीं होती | एक के बाद एक प्रोजेक्ट ये लोग पूरे करते रहते हैं और पैसा कमाते रहते हैं | दूसरी ओर इनसे घर खरीदने वाले लोग परेशानी झेलते रहते हैं और आने वाले कुछ समय में घरों की मरम्मत में पैसा लगाते रहते हैं |

वही इस मामले में नोएडा सेक्टर 48 आरडव्लूए के अध्यक्ष दिनेश भाटी का कहना है की अगर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अवैध इमारत बनती है तो इसकी जवाबदेही प्राधिकरण और सरकार की बनती है | एक साल के अंदर के अवैध निर्माण हो जाता है साथ ही बिल्डर 90 प्रतिशत लोन का वादा करते हैं और सांठ-गांठ कर लोन पास भी करा दिया जाता है | बैंक से जुड़े लोग भी अपना ‘कट’ लेकर बिल्डरों को फायदा पहुंचाते हैं | जिन सरकारी विभागों पर नजर रखने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है वो सभी अपने ‘कट’ के लिए फिक्रमंद रहते हैं | जिला प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि यहां कंस्ट्रशन का काम ना हो |

Photo -New Indian Express

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी कांड को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चैयरमेन बृजेश कुमार का कहना है की शाहबेरी में चल रहे अवैध निर्माण के पीछे प्राधिकरण जिम्मेदार है | उनका कहना है की ग्रेटर नोएडा के इलाके में अगर कोई भी निर्माण प्राधिकरण के बैगर अनुमति के बन रहा है , इसके पीछे प्राधिकरण के अधिकारी जिम्मेदार है | उनको इस मामले में कार्यवाही करनी चाहिए थी | सवाल ये खड़ा होता है की एक साल के अंदर 6 मंजिले का अवैध निर्माण हो जाता है , जिसकी खबर प्राधिकरण को नहीं लगती है | साथ ही उन्होंने बताया है की प्राधिकरण के इलाके में कोई भी निर्माणधीन कार्य होता है तो उससे पहले प्राधिकरण से नक्शा पास कराया जाता है | साथ ही उनका कहना है की अगर कोई पुरानी ज़मीन गॉव की होती है | जिसमे निर्माण करवाना है, अगर वो ज़मीन प्राधिकरण के इलाके में आती है तब भी उसे प्राधिकरण से अनुमति लेनी पड़ेगी |

इससे ये साफ हो जाता है की इस हादसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी जिम्मेदार है | वही इस मामले में मुख्यमंत्री ने मेरठ कमिश्नर को जाँच सौंपी है | वही इस मामले में मुख्यमंत्री ने इस हादसे के पीछे कोई भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दे चुके है |

वही इस हादसे को लेकर इंडियन इंडस्ट्रीज एस्स जितेंद्र पारीक का कहना है की इस मामले में गिरफ़्तारी समाधान नहीं हो सकती , जीवन हानि की भरपाई असम्भव है | उनका कहना है की गिरफ़्तार मासूम नहीं है परन्तु जब यह अवैध निर्माण हो रहा था तब के तत्कालिक अधिकारियों ने अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन क्यों नहीं किया | इस मामले में अधिकारी क्यों गिरफ़्तार नहीं हुए | अधिकारियों की जवाबदारी तय हो यदि ज़िम्मेदारी के काम की वाह! वाह! और श्रेय लेते है तो कौताही का दंड भी पाए तभी लापरवाही नागणय हो सकती है , अन्यथा “जनता त्रस्त प्रशासन मस्त “जारी रहेगा |

साथ ही इस मामले में वन रिपब्लिक फाउंडेशन के अध्यक्ष त्रिलोक शर्मा का कहना है की साबेरी की घटना मे जो भी दोषी है , सभी के खिलाफ पुलिसy प्रशासन को कडी कार्यवाही करनी चाहिए इसके अलावा भविष्य में इस तरह की घटनाओ की पुनरावृत्ति रोकने वाले के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए | नोएडा निवासी अधितर डी एन डी से दिल्ली जाते होंगे आप सभी की नजर कभी यमुना के किनारे बन रहीं इसी तरह सैकड़ो मल्टीस्टोरी बिल्डिंग जो दिल्ली क्षेत्र में है इस पर दिल्ली सरकार को कारवाई करनी चाहिए अन्यथा शाहबेरी जैसी घटना कभी भी हो सकती है |

वही दूसरी तरफ इस मामले में पूर्व मेरठ कमिश्नर श्रवण कुमार शर्मा का कहना है कि शाहबेरी में हुए हादसे के पीछे प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है , जिनके नीचे अवैध निर्माण चल रहा है | साथ ही उनका कहना है की प्राधिकरण के इलाके में एक जईई कार्यरत होता है जो इस अवैध निर्माण को लेकर प्राधिकरण में जाँच सौंपता है , लेकिन ऐसा नहीं हुआ है | अगर जई इस मामले में रिपोर्ट सही तरीके से सौपता तो प्राधिकरण कार्यवाही जरूर करता | उनका कहना है इस इलाके में प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास जब नहीं किया जाता तब निर्माण नहीं किया जा सकता है | इस मामले में जाँच में होने के बाद यूपी सरकार की तरफ कार्यवाही जरूर की जाएगी |

वही दसरी तरफ इस मामले में इंडियन इंडस्ट्रीज एस्सोसिएशन के अध्यक्ष एसपी शर्मा का कहना है की कुछ अरसे से देखा जा रहा है प्राधिकरण की नीति सभी आवंटियो किसानो के प्रति उदासीन है , इसमे नई उर्जा जाग्रत करने की आवश्यकता है , आप कुछ कीजिये हम सभी आपके एक्शन ये प्रति आशावान है |

वही नोएडा के सेक्टर 44 में अवैध निर्माण को लेकर सुधीर सूद का कहना है की नोएडा में भी अवैध निर्माण चल रहा है , जिसको लेकर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है , लेकिन जब ये शाहबेरी जैसा काण्ड बन जाएगा , तब सभी अधिकारी जागरूक हो जाएं | जिस कार्य के लिए इन्हे पोस्टिंग की जाती है उसको लेकर कोई भी अधिकारी काम नहीं करता है | अगर ये काम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऐसे मामले को संज्ञान ले लेता तो आज ऐसा दिन नहीं दिखने को मिलता | फ़िलहाल इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी जाँच में जुटे हुए है | अब देखने वाली बात होगी क्या इस मामले में प्राधिकरण और प्रशासन के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है , ये आने वाला समय बतiयेगा |

वही इस हादसे को लेकर जब टेन न्यूज़ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीओ से बात करने की कोशिश की तो उन्होनें बोलने से इंकार कर दिया |

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