पर्यावरण संरक्षण के प्रति बच्चों को जागरूक बनाने के लिए ‘पृथ्वी सप्ताह’ व   ‘जापानी लैंग्वेज कैंप’ का आयोजन

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Saurabh Shrivastava Tennews
 ग्रेटर नोएडा । दिल्ली पब्लिक स्कूल मेेंं ‘पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय’ के तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण के प्रति बच्चों को जागरूक बनाने के लिए ‘पृथ्वी सप्ताह’ तथा बच्चों को जापानी भाषा सिखाने के लिए जापानी संस्था ‘जाइका’ के  तत्वावधान में संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम आयोजित किया गयाÊ कार्यक्रम में जहाँं पेड़ –पौधों का संरक्षण करके अपनी पृथ्वी तथा  पर्यावरण को बचाने Ê जल Ê बिजली आदि की बचत करने का संकल्प दोहराया गयाÊ वहीं बच्चों ने जापानी संस्कृति एवं भाषा से जुड़ी प्रस्तुतियों से जापानी भाषा के सौंदर्य व उसकी मधुरता को प्रकट किया। इस अवसर पर बच्चों ने पर्यावरण तथा जापानी भाषा से जुड़ी अनेक गतिविधियों में भाग लिया और ‘हर दिन पृथ्वी दिवस’ जैसे  संकल्पों पर आधारित गीत Ê नृत्यÊ लघु फ़िल्म आदि के ज़रिए अपनी भावनाएँ प्रकट कीं।‘हरी भरी वसुंधरा पे नीला–नीला ये गगन’ गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर  पर विद्यालय – प्रधानाचार्या श्रीमती रेणु चतुर्वेदी ने सर्वप्रथम सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण समय की माँग है।प्रकृति के प्रति प्रेम और सहानुभूति का भाव सभी नागरिकों की जीवन शैली में ढला होना चाहिए।हमें अपनी प्यारी पृथ्वी के प्रति अपना प्रेम अपने व्यवहार द्वारा प्रकट करना चाहिए। इस वैश्विक युग में ‘जापानी भाषा कैंप’ जैसे आयोजनों को उन्होंने युग की आवश्यकता बताया।उन्होंने यह भी कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए अनेक भाषाओं का ज्ञान बहुत उपयोगी सिद्ध होता है।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सेवियर्स संस्था की सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा ने कहा कि हमें अपनी पृथ्वी को बचाने और पर्यावरण को जीवन के अनुकूल बनाए रखने के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने चाहिए।हमें यह नहीं देखना चाहिए कि पहले दूसरा प्रयास करेगाÊ तब हम भी प्रयास करेंगेÊ बल्कि स्वयं आगे बढ़कर अन्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
इस अवसर पर जाइका व जापान फ़ाउंडेशन के अधिकारीगण उपस्थित थे।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जाइका के मुख्य प्रतिनिधि श्री ताकेमा साकामोटो ने कहा कि जापान के भारत से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और ऐसे आयोजन सांस्कृतिक रूप से दोनों देशों को एक–दूसरे के और अधिक निकट लाते हैं।उन्होंने  यह भी कहा कि भाषाएँ दो संस्कृतियों में प्रेम का सूत्रपात करती हैं तथा ऐसे आयोजन भाषा के प्रति प्रेम जगाते हैंÊ जिससे भाषा को सीखने में आनंद आने लगता है।उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित बच्चो को जापानी भाषा की सहजता व सरलता से भी परिचित करवाया तथा जापानी ओवरसीज़ वॉलेनटियर्स के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए इस कैंप की सराहना की।
इस अवसर पर दीपाली अरोड़ा Ê नक़ीब मेंहदी Ê रजनी खरेÊ मॉनिशा सरदानाÊ जापानी भाषा अध्यापिका कानोको यामागुचीÊ मॉनिशा सरदानाÊ आशा भड़ानाÊ वंदना मिश्राÊ शिल्पी बरनवाल आदि उपस्थित थे।
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