नोएडा: पुलवामा हमले के बाद होटल में पाबंदी , कश्मीरियों को नही दिया जाएगा रूम , नो एंट्री के लगे पोस्टर

ROHIT SHARMA

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नोएडा :– पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर जहां देश के हर कोने से शहीदों के लिए कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली से सटे और उत्तर प्रदेश के सबसे हाइटेक शहर नोएडा के सेक्टर 15 में स्थित एक होटल में कश्मीरियों पर पाबंदी लगा दी है | दरअसल होटल के मालिक ने गेट के बहार बड़े शब्दो में सुचना का बोर्ड लगा दिया है की इस होटल में कश्मीरियों का आना वर्जित है | जिसको इस होटल में रह रहे महेमानों ने सराहनीय कदम बताया है |

होटल के मालिक का कहना है कि उनके होटल में आने वाले लोगों का कहना है कि अगर उनके होटल में कश्मीरी रुकते हैं तो वह इस होटल में नहीं रुकेंगे जिसके चलते उन्होंने होटल में कश्मीरियों के होटल में आने पर पाबंदी का बोर्ड लगाया है |



कश्मीर के पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों के द्वारा किए गए कायराना हमले को लेकर देश में जहां जगह-जगह धरना प्रदर्शन वह शहीदों की याद में कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कश्मीरियों को अपने यहां ठहरने पर लोग एतराज उठा रहे हैं , जिसके चलते उत्तर प्रदेश के सबसे हाइटेक दिनों में शुमार वह दिल्ली से सटे नोएडा में भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला जहां सबसे पॉश कॉलोनियों में शुमार सेक्टर 15 में स्थित जानी होटल में कश्मीरियों के आने पर पाबंदी का बोर्ड लगाया गया है |

होटल के मालिक अमित जानी का कहना है कि उनके होटल में ठहरने वाले लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के रहने वाले लोगों से अपने आप को असहमत महसूस कर रहे हैं जिसके चलते उन्होंने अपने होटल में कश्मीरियों के आने पर पाबंदी का बोर्ड लगाया है अमित जानी का कहना है कि कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद उनके होटल में आने वाले लोगों का लगातार कहना था कि अगर उनके होटल में कोई भी कश्मीरी रुकता है तो वह इस होटल में नहीं रुकेंगे जिसके चलते उन्होंने होटल के बाहर ही कश्मीरियों के होटल में प्रवेश पर रोक लगाने का बोर्ड लगाया है |

होटल के मालिक का कहना है कि जम्मू कश्मीर में हुए आत्मघाती हमले में शहीद जवानों को लेकर वह भी शहीद परिवार के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द जिन आतंकवादियों के द्वारा इस गतिविधि को अंजाम दिया गया था उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए , लेकिन जिस तरीके से एक के बाद एक जिले में कश्मीरियों के रहने से लोगों में नाराजगी सामने आ रही है, उसके बाद बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि क्या कश्मीरियों को अब लोग उस पहली जैसी निगाह से नहीं देख रहे हैं , जिससे वह पहले देखा करते थे |

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