नोएडा में मेडिकल दाखिले कराने के नाम पर लाखों रूपये की हुई ठगी

ROHIT SHARMA

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नोएडा :– नोएडा में ठगी के मामले बढ़ते जा रहे है | आपको बता दे की नोएडा के सेक्टर 62 में स्थित ग्लोबल करियर कॉउंसलिंग प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला कराने के नाम पर 30 से अधिक छात्रों से लाखों रुपये ठग लिए गए | साथ ही ग्लोबल करियर कॉउंसलिंग प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी के प्रबंधक , महाप्रबन्धक , निदेशक सभी लोग ठगी करके फरार हो गए |

खासबात यह है की जब ग्लोबल करियर कॉउंसलिंग प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने वालों छात्रों और कर्मचारियों को ठगी के बारे में पता चला , साथ ही इस कंपनी के मालिक के फरार होने की सुचना मिली तो सभी कर्मचारी और छात्राओं ने कंपनी में रखे सभी सामानों को लेकर जाने लगे |

वही इस एजेंसी ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में कम अंक आने पर दाखिले से वंचित होने वाले यूपी समेत कई राज्यों के छात्रों को शिकार बनाती है | वही छात्रों के अभिभावकों का आरोप है की छात्रों से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) का फर्जी लेटर देकर पैसे ऐंठे जाते थे।
वही इस मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची सेक्टर 58थाना पुलिस ने छात्रों को शांत कराया और रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फ़िलहाल कंपनी का निदेशक समेत सभी अधिकारी फरार हो गए है |

पीड़ित छात्रों ने बताया कि कंपनी को निदेशक मनीष सिंह व सीईओ उत्कर्ष चलाते हैं। फिलहाल सभी आरोपित फरार हो गए हैं। यहां करीब चार महीने पहले ही ऑफिस खोला गया था। एजेंसी ने फर्जी वेबसाइट बनाकर दावा किया है कि उसकी देशभर में 14 शाखाएं हैं। यहां ऑफिस में टेलीकॉलर को रखा गया था। आरोपित नीट में कम अंक पाने वाले छात्रों की डिटेल देकर टेलीकॉलर से फोन कराते थे और मन पसंद कॉलेज में दाखिला कराने का झांसा देकर अपनी जाल में फंसा लेते थे।

साथ ही उनका कहना है की तीन माह पहले एजेंसी ने फोन करके अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने का दावा किया था। आरोपितों ने उन्हें सेक्टर 62 स्थित ऑफिस में बुलाया। एजेंसी के सीईओ उत्कर्ष का कहना था कि उनका एमसीआइ के कुछ लोगों की मिलीभगत से कॉलेजों में दाखिला कराने के लिए लेटर जारी कराया जाता है। आरोपित वेबसाइट दिखाकर भरोसा जीत लेते थे। एमसीआइ के लेटर के नाम पर दो लाख, टोकन मनी के नाम पर 4 और कॉलेज की एक साल की फीस व दाखिला की फीस समेत करीब 20 लाख रुपये की मांग करते थे। झांसे में आए छात्रों से 10 से 20 लाख रुपये तक लेकर फर्जी लेटर थमा देते थे। कॉलेज जाने के बाद पता चलता था कि उनके साथ ठगी हो चुकी है।

आरोपितों ने छात्रों को फोन करने व अन्य कार्य के लिए करीब 30 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था। इन्हें 18 से 25 हजार रुपये तक प्रतिमाह सैलरी देने का झांसा दिया गया था। कर्मचारियों का कहना है कि एक महीने बाद जब सैलरी नहीं मिली तो कंपनी के निदेशक मनीष सिंह से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन वह किसी से नहीं मिले। सीइओ सहित अन्य अधिकारी सैलरी जल्द देने का आश्वासन देकर काम लेते रहे।

छात्रों के प्रदर्शन करने पर कर्मचारियों को भी जानकारी हुई कि उनके साथ भी ठगी हो चुकी है। एजेंसी के बाहर प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। जहां पता चला कि कंपनी के अधिकारी कई राज्यों के छात्रों से एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करके फरार हो गये हैं। पीड़ित छात्रों की शिकायत पर निदेशक समेत कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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