ग्रेटर नोएडा में रन फॉर यूनिटी में भारी लापरवाही, जान जोखिम में डाल ट्रैफिक के बीच दौड़े बच्चे

Abhishek Sharma

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Greater Noida (31/10/18) : लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर ग्रेटर नॉएडा में आयोजित की गयी रन फॉर यूनिटी रेस में भारी लापरवाही देखने को मिली। जहाँ पहले छोटे छोटे स्कूलों बच्चों को ट्रैफिक के बीच दौड़ाया गया वहीँ कुछ समय बाद बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए उन्हें एक बड़े, उबड़ खाबड़ मैदान का भी रुख करना पड़ा।

पुरे देश की तरह ग्रेटर नॉएडा में भी गौतमबुद्ध नगर के जिला खेल अधिकारी सुनील चन्द्र जोशी और जिलाधिकारी बी एन सिंह द्वारा खेलो को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर नोएडा में रन फॉर यूनिटी कंट्री रेस का आयोजन कराया गया | जिसमें जिले के सैकड़ों स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया। यह दौड़ सभी को एकजुटता की शपथ दिला कर शुरू की गई। 

यह रेस यूँ तो बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए की गयी थी पर प्रशासन की भारी लापरवाही की वजह से सभी प्रतिभागियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

रेस ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित एक्सपो मार्ट से शुरू की गई। ग्रेटर नॉएडा में रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का आयोजन प्रशासन के द्वारा किया गया जिसके मुख्य अतिथि के तौर पर सीडीओ अनिल कुमार सिंह भी मौजूद रहे।

हालाँकि बड़ी संख्या में स्कूलों से आए छोटे-छोटे बच्चों को इस दौरान चालू ट्रैफिक के बीच ही दौड़ाया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ़ तौर पर देखने को मिली। जहाँ इस तरह के अन्य आयोजनों पर सड़क मार्ग पर वाहन यातायात बंद कर दिया जाता है वहीँ जिला प्रशासन ग्रेटर नॉएडा में ऐसी किसी तैयारी से पूरी तरह अनभिज्ञ दिखा।

दरअसल मौके पर न ही नॉलेज पार्क पुलिस की पीसीआर मौजूद थी और न ही ट्रैफिक पुलिस कर्मी मौजूद थे। मौजूद लोगों ने स्वयं ही आस्थाई रूप से बस और कार को रोड पर लगाकर ट्रैफिक रुकवाया ताकि बच्चों की सुरक्षा बनी रहे। लेकिन इसके बावजूद भी यातायात की आवाजाही रोड पर बनी रही और बच्चों को जान जोखिम में डाल कर रेस में हिस्सा लेना पड़ा । सभी बच्चे आईटीएस कॉलेज के पास पहुंचे ही थे कि वहाँ पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। जिसे देखते हुए बच्चो को रोड की जगह खाली पड़े मैदान में से होकर आधे रास्ते से ही दौड़ को समाप्त कराया गया।

इस मामले में ट्रैफिक और पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े होते है की जब इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने आदेश दिए थे तो फिर इतने लम्बे समय बाद भी सही ढंग से तैयारी क्यों नहीं हो पाई | जिसका खामयाजा यह रहा की दौड़ आधे रास्ते में ही समाप्त करना पड़ा | अब देखने वाली बात होगी की प्रसाशन इसमें किसी की जवाबदेही तय कर इस लापरवाही के मामले में क्या कार्यवाही करता है।

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