तीनो प्राधिकरण व जिला प्रशासन के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल

Abhishek Sharma Photo & Video by Baidyanath Halder

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Greater Noida (26/12/18) : ज़िले की तीनो प्राधिकरणों एवं जिला प्रशासन द्वारा किसानों के प्रति अपनाए जाने वाले सौतेले रवैये के विरोध में भारतीय किसान यूनियन द्वारा 21 मई 2018 से सूरजपुर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर आयोजित महापंचायत के बाद भाकियु के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरने में किया गया तब्दील। भाकियू के जब तक किसानों की 5 सूत्रीय मांगे नहीं मानी जाएँगी तब तक धरना जारी रहेगा। प्रत्येक सोमवार को जिला कलक्ट्रेट परिसर पर होगी बड़ी पंचायत।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता पवन खटाना ने बताया कि पिछली सरकारों द्वारा प्रदेश में मजदूरों व किसानों के साथ सौतेला रवैया अपनाया गया जिसको देखते हुए लोगों ने भाजपा पर भरोसा दिखाया। लेकिन आज भी पूरे देश के किसान अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे है। विशेष रूप से गौतमबुद्धनगर के तीनो प्राधिकरणों द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा की प्राधिकरण अपने आप को प्रशासन से ऊपर मान बैठे है। जब भी क्षेत्र की जनता प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन करती हैं तो जिला प्रशासन बीच में आकर किसानों को झूठे आश्वाशन देकर शांत कर देती है। किसानो को झूठे आश्वाशन के अलावा अभी तक कुछ भी नहीं मिल सका है।

उन्होंने कहा कि तीनों प्राधिकरणों द्वारा किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त प्रतिकर मुआवजा शासन द्वारा घोषित समय से व 10 फीसदी आवासीय भूखंड दिलाया जाए।

प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1976 से 1997 तक के किसानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को खत्म करके उनके किसान कोटे के प्लाट भी अधिग्रहण रेट के आधार पर व 297 का मुआवजा सभी लोगों को देना सुनिश्चित करें। 1976 से सन 2002 तक के किसानों को भी 10 फीसदी प्लाट का लाभ दें।

तीनों प्राधिकरणों द्वारा आबादी को लेकर समय-समय पर किसानों को सिर्फ बहकाया जा रहा है, जिन किसानों की आबादी छोड़ भी दी गई है उसमे भी किसान द्वारा निर्माण कराए जाने पर उसे अवैध बताया जा रहा है। जिन किसानों को अपनी जमीन का मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है उसको भी प्राधिकरण अपनी जमीन बताकर किसानों धारा-10 जैसे नोटिस की प्रक्रियां अपनाई जा रही है।

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