नदियों को पुनर्जीवित करने में मोदी सरकार हुई विफल : राजेंद्र सिंह

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Lokesh Goswami | Rohit Sharma

देश का पहला नदी तालाब जोड़ो प्रोजेक्ट टीकमगढ़ के मोहनगढ़ में फेल हो गया है। यह बड़ी चूक है। इसमें कई तकनीकी खामियां हैं। जरा सी बारिश में हरपुरा नहर टूट गई है।

बुंदेलखंड में यदि पानी की समस्या से निपटना है तो चंदेलकालीन और राजशाही जमाने के तालाबों का संरक्षण करना होगा। नदियों को तालाब से जोड़ना होगा। पानी को लेकर लोगों में जागरूकता की जरूरत है। यह बात जलपुरुष के नाम से विख्यात रमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त राजेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया । वे बुधवार यहां मोहनगढ़ में देश के पहले नदी-तालाब जोड़ो प्रोजेक्ट को देखने आए थे। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के अधिकांश गांव अकाल की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसके कारण दोनों राज्यों के बुंदेलखंड क्षेत्र के गांव के किसानों की उड़द, मूंग, तिल और बाजरा आदि की फसलें सूख गई हैं। किसान के सामने उसके और उसके परिवार के जीवनयापन करने का संकट उत्पन्न हो गया है।

साथ ही राजेंद्र सिंह ने कहा कि देश के 21 राज्यों तथा गांवों में लोगों को पानी के सदुपयोग की शपथ दिलाई गई और दिलाई जा रही है। इस अवसर पर जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि परमार्थ समाज सेवी संस्थान पिछले 12 वर्षों से बुंदेलखंड के 60 से ज्यादा गांवों में अपनी नजर जमाए हुए हैं। सूखे की स्थिति विकराल होती जा रही है।

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