डीडीए अधिकारियों के ख़िलाफ़ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाउंगा: सौरभ भारद्वाज

Lokesh Goswami Ten News Delhi :

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केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए अब सीलिंग के विषय पर खुलेआम झूठ बोल रही है। सीलिंग को लेकर डीडीए ने जो संशोधन प्रस्तावित किए हैं उनके खिलाफ़ आम आदमी पार्टी के 39 विधायकों ने लिखित में डीडीए को अपना एतराज़ जताया था लेकिन डीडीए की तरफ़ से जानबूझकर इस बात को छुपाकर आम आदमी पार्टी के विधायकों की अनुपस्थिति की बात सार्वजनिक की गई, इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे और कोशिश करेंगे कि डीडीए के उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो जिन्होंने दिल्ली विधानसभा सदस्यों के संदर्भ में झूठ बोला है।

लेकिन बड़े दुख की बात है कि कुछ अख़बारों के माध्यम से पता चला है कि डीडीए की तरफ़ से यह बताया गया कि मेरे समेत हमारे विधायक डीडीए की बैठक में पहुंचे ही नहीं जबकि हम अपना एतराज़ लिखित में पहले ही जता चुके हैं।’

असलियत यह है कि डीडीए की तरफ़ से पब्लिक हियरिंग की कोई पूर्व सूचना एसएमएस या मेल के माध्यम से मुझे नहीं मिली, मेरा नाम कई अख़बारों की ख़बर में प्रकाशित करा दिया गया जो सरासर ग़लत है। इसे लेकर मैं दिल्ली विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लेकर आउंगा और कोशिश करेंगे कि डीडीए के उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख्त से कार्रवाई की जाएगी।’

 

दिल्ली के सातों बीजेपी के सांसदों ने आजतक सीलिंग को लेकर क्या किया है वो भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की जनता को बताए, दिल्ली में सीलिंग होती रही और डीडीए सिर्फ़ मूक दर्शक बना रहा, क्यों? दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी डीडीए को ख़त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाते लिखते हैं ना कि दिल्ली के सांसद के नाते, ऐसा क्यों? क्या बीजेपी के ये लोग जनता के प्रतिनिधि नहीं हैं? लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि हल्ला सिर्फ़ आम आदमी पार्टी के विधायकों के बारे में ही किया जा रहा जिन्होंने अपना लिखित एतराज़ डीडीए को पहले ही दे दिया था।’

आम आदमी पार्टी के विधायक और डीडीए के सदस्य सोमनाथ भारती ने कहा कि ‘आज और कल डीडीए की एक पब्लिक हियरिंग चल रही है, जिसमें 700 प्रतिनिधित्व आए हैं, अगर दो दिन में इतने मामले निपटा दिए जाएं तो बड़ी बात होगी लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा शासित डीडीए दरअसल दिल्ली के व्यापारियों को ही निपटाना चाहती है, आनन फ़ानन में मास्टर प्लान के आधे-अधूरे संशोधन लाए गए हैं और व्यापारियों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके माध्यम से भाजपा का असली चेहरा बेनकाब हो गया है।’

‘एक और ज़रुरी बात यह कि डीडीए में एक एडवाज़री काउंसिल बनाई जाती है जिसमें तीन सांसद होते हैं, बीजेपी के दिल्ली से दो लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा उसके वर्तमान सदस्य हैं। इस काइंसिल का काम मास्टर प्लान में ज़रुरी बदलाव कराने का होता है लेकिन बड़े दुख के साथ बताना चाहेंगे कि इस काउंसिल की पिछले सात साल में एक भी मीटिंग नहीं हुई है। ना पहले के कांग्रेस के सांसदों ने कभी दिल्ली के व्यापारियों के लिए कुछ सोचा और ना ही वर्तमान में बीजेपी के सांसद ही कुछ कर रहे हैं।’

हम पहले भी शहरी विकास मंत्रालय को कह चुके हैं कि संसद में कानून लाकर इस सीलिंग को तुरंत रुकवाया जा सकता है लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है, ना डीडीए, ना एमसीडी, ना एलजी कुछ कर रहे हैं। सब जगह भारतीय जनता पार्टी का राज है और ये लोग व्यापारियों पर हो रहे अत्याचारों को मूक दर्शक बनकर देख रहे हैं।’

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