Shiv Nadar University Introduces New Scholarships for Undergraduate Programs.

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एक व्यापक, बहुविषयक एवं रिसर्च केंद्रित विश्वविद्यालय, शिव नादर यूनिवर्सिटी ने आज अपने 2017-18 के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए दो नई स्काॅलरशिप – ‘गिफ्टेड स्टूडेंट स्काॅलरशिप’ तथा ‘रूरल स्टूडेंट स्काॅलरशिप’ की घोषणा की। नई स्काॅलरशिप के साथ विश्वविद्यालय कुल स्काॅलरशिप के रूप में ₹35 करोड़ प्रदान करेगा, जो 2017-18 के बैच के विद्यार्थियों को दी जाएंगी। पिछले छः सालों में विश्वविद्यालय ने अपने स्काॅलरशिप प्रोग्राम के तहत ₹150 करोड़ से अधिक पैसा दिया है।

इस साल पेश की गई दो स्काॅलरशिप हैं:

गिफ्टेड स्टूडेंट स्काॅलरशिप: यह योग्यता आधारित प्रवेश प्रक्रिया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय पूर्व की परीक्षाओं में मिले प्रमाणपत्रों के आधार पर योग्यता तय करता है। इसमें चयनित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। चयनित होने के बाद उनका 100 फीसदी शिक्षण खर्च माफ कर दिया जाता है। इस स्काॅलरशिप की योग्यता की गणना के लिए निम्नलिखित परीक्षाओं को शामिल किया जाता है:

ऽ नेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन (एनटीएसई) में 1000 तक सर्वोच्च स्थान पाने वाले
ऽ विज्ञान और गणित विषय में इंडियन नेशनल ओलंपियाड में सर्वोच्च 5 से 10 स्थान पाने वाले
ऽ हर शिक्षा बोर्ड से कक्षा 12 में सर्वोच्च 10 स्थान पाने वाले
ऽ स्काॅलरशिप फाॅर हायर एजुकेशन पाने वाले इंस्पायर फैलो
ऽ जेईई (एडवांस्ड) में सर्वोच्च 500 स्थान पाने वाले
ऽ किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई)

रूरल स्टूडेंट स्काॅलरशिप: यह ग्रामीण तथा गरीब पृष्ठभूमि के विलक्षण विद्यार्थियों को सहयोग करेगी। अंडरग्रेजुएट के स्तर पर 20 विद्यार्थी तक इसका लाभ ले सकेंगे (विश्वविद्यालय की चयन प्रक्रिया के आधार पर)। यह योजना पूरा शिक्षण खर्च माफ करने के साथ होस्टल एवं अन्य आवासीय खर्चे ऋण के रूप में प्रदान करती है, जो ग्रेजुएट होने के बाद विद्यार्थियों को वापस चुकाना होता है।

2017-18 के लिए प्रवेश का विवरण देते हुए, डाॅ. एस. एन. बालकृष्णन, चांसलर, शिव नादर यूनिवर्सिटी ने कहा, ‘‘ रिसर्च आधारित बहुविषयक विश्वविद्यालय के रूप में हमारा प्रयास अतुलनीय एकेडेमिक परिवेश निर्मित करने का है, जो विद्यार्थियों की पूरी सामथ्र्य का विकास करे और उन्हें भविष्य के लीडर्स बनाने में मदद करे, जिनके पास शानदार कौशल के साथ सामाजिक प्रतिबद्धता व जिम्मेदारी की समझ भी हो। इस साल हमने विशेष स्काॅलरशिप कार्यक्रम पेश किए हैं, जो जरूरत पर आधारित तथा योग्यता पर आधारित हैं। ये सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करेंगे व योग्य पर सुविधाहीन विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर प्रदान करेंगे।’’

शिव नादर यूनिवर्सिटी में प्रवेश पूरी तरह से योग्यता पर आधारित हैं और विश्वविद्यालय किसी भी विशेष श्रेणी में कोई भी सीट आरक्षित नहीं कर रहा है। विश्वविद्यालय में स्काॅलरशिप अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम की पूरी अवधि में पूर्ण या आंशिक शिक्षा तथा रहने के खर्च के लिए प्रदान की जाती हैं। कक्षा 12 के अंकों के अलावा विश्वविद्यालय विशेष रूप से तैयार किए गए शिव नादर यूनिवर्सिटी स्काॅलिस्टिक एप्टिट्यूड टेस्ट (एसएनयूसैट) के द्वारा विद्यार्थी की गणितीय अभियोग्यता, तार्किक अभियोग्यता तथा मौखिक एवं लिखित संचार का आंकलन करता है। साथ ही विद्यार्थियों की विषयात्मक योग्यता के मूल्यांकन के लिए एकेडेमिक प्रोफिशियंसी टेस्ट (एपीटी) आयोजित होता है।

अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में निम्नलिखित कोर्स शामिल हैं: कला में स्नातक( रिसर्च), विज्ञान में स्नातक(रिसर्च), मैनेजमेंट अध्ययन में स्नातक तथा तकनीक में स्नातक। एकेडेमिक वर्ष 2017-18 के लिए प्रवेश का विवरण, नए प्रोग्राम्स सहित, विश्वविद्यालय की वेबसाईट ूूूण्ेदनण्मकनण्पद पर उपलब्ध है।

अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए आवेदन फाॅर्म प्राप्त करने की अंतिम तिथि, 25 मई, 2017 है और एसएनयूसैट तथा एपीटी टेस्ट में बैठने की अंतिम तिथि, 7 जून, 2017 है।

शिव नादर यूनिवर्सिटी के बारे में
शिव नादर फाउन्डेशन के तहत् कार्यरत शिव नादर यूनिवर्सिटी ;ूूूण्ेदनण्मकनण्पदद्ध विभिन्न क्षेत्रों/विषयों में पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाली छात्र-केंद्रित यूनीवर्सटी है जो अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट तथा डाॅक्टरल स्तर के प्रोग्रामों की पेशकश करती है। एसएनयू के मल्टी-डिसीप्लीनरी प्रोग्राम छात्रों को मानविकी तथा समाज विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, टैक्नोलाॅजी और इंजीनियरिंग के अलावा कला एवं संचार तथा प्रबंधन में मजबूत बुनियाद का लाभ दिलाने के साथ उन्हें उनके मनपसंद विषय में पारंगत भी बनाते हैं। एसएनयू के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को विश्व स्तरीय फैकल्टी द्वारा संचालित किया जाता है और ये छात्रों को 21वीं सदी में कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिहाज से तैयार किए गए हैं। भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 286 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित शिव नादर यूनिवर्सिटी निजी परोपकारी संस्थान है जिसकी स्थापना उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक अधिनियम के तहत् की गई थी।
शिव नादर फाउन्डेशन के बारे मेें
शिव नादर फाउन्डेशन की स्थापना एचसीएल के संस्थापक शिव नादर के द्वारा की गई- जो 7 बिलियन की अग्रणी प्रोद्यौगिकी एवं हेल्थकेयर उद्यम है। शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में संस्थानों की स्थापना के द्वारा राष्ट्रीय विकास और सामाजिक रूपान्तरण की प्रक्रिया में योगदान देना फाउन्डेशन का मिशन है। फाउन्डेशन परिवर्तनकारी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक अंतराल को दूर करके लोगों के सशक्तीकरण के द्वारा समकक्ष एवं योग्यता आधारित समाज के निर्माण हेतू प्रबिद्ध है।

शिव नादर फाउन्डेशन ने 1996 में एसएसएन इन्सटीट्यूशन्स की स्थापना की जिसमें एसएसएन काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग (जो पहले से भारत में उच्च रैंकिंग का निजी इंजीनियरिंग काॅलेज है), चेन्नई, तमिलनाडू शामिल है। शिव नादर फाउन्डेशन ने प्रतिभाशाली ग्रामीण बच्चों के लिए उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर एवं सीतापुर में रिहायशी लीडरशिप अकादमी विद्याज्ञान की स्थापना भी की है। इसके अलावा फाउन्डेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा में सशक्त अनुसंधान उन्मुख अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, शिव नादर युनिवर्सिटी ;ूूूण्ेदनण्मकनण्पदद्ध तथा शिव नादर स्कूल (ूूूण्ेीपअदंकंतेबीववसण्मकनण्पदद्ध का संचालन भी करता है। फाउन्डेशन ने भारत के सबसे बड़े निजी लोकोपकारी संग्रहालय किरण नादर म्युज़ियम आॅफ आर्ट ;ूूूणदउंण्पदद्ध की स्थापना भी की है।

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