पारदर्शिता के नाम पर पंचर हुआ विकास का पहिया : क्या जटिल टेंडर प्रकिया से रुक गया है नॉएडा का विकास ? 

Saurabh Shrivastava

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नॉएडा प्राधिकरण ने भ्रष्टाचार को ख़त्म करने व पारदर्शिता लाने के लिये ऑनलाइन टेंडर प्रकिया की शुरआत करी।  वर्ष 2015 अगस्त में हुई बोर्ड मीटिंग में निर्णय लिया गया की 5 लाख से ऊपर वाले सारे टेंडर ऑनलाइन कर दिए जायेंगे। ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न नियम भी बनाए गए। परन्तु अब इन्ही में से कई नियम विकास प्रक्रिया में रोड़ा भी अटकाते नजर आ रहे हैं।
ऑनलाइन टेंडर को लेकर और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए यह नियम बनाया गया कि प्राधिकरण ने कोई टेंडर निकाला है तो उस टेंडर में कम से कम तीन लोगो को अप्लाई करना जरुरी है।  इसके लिये प्राधिकरण कई महीनो तक टेंडर के लिये तीन आवेदनों का इंतजार करती है।  अगर तीन आवेदन नहीं भरे जाते टेंडर के लिये तो उस टेंडर को निरस्त कर दोबारा टेंडर निकाला जाता है।  फिर तीन आवेदन कर्ताओ का इंतजार होता है।
टेंडर के लिये तीन आवेदन मिल भी जाते है तो फिर उन आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजो की जाँच प्रकिया शुरू होती है किसी एक आवेदनकर्ता  के दस्तावेज में कोई गलती मिल जाती है या दस्तावेज आधा-अधूरा पाया जाता है तो पुरे टेंडर को फिर निरस्त कर प्रक्रिया को दुबारा शुरू किया जाता है ।
कुछ दिनों बाद फिर उसी टेंडर के लिये तीसरी बार टेंडर निकाला जाता है इस बार तीन आवेदनकर्ता का इंतजार नहीं किया जाता किसी एक आवेदनकर्ता ने टेंडर के लिए आवेदन कर दिया और उसके दस्तावेज पूर्ण हैं तो उसको टेंडर दे दिया जाता है।
पर नॉएडा प्राधिकरण की टेंडर पारित करने की इस प्रकिया में कई महीने बीत जाते है होता ये है कि जिस समस्या के लिये टेंडर निकाला जाता है वह कई महीने बीत जाने के कारण और बढ़ जाती है।  जिसके चलते समस्या का पूरा निदान नहीं हो पाता और समस्या जस की तस बनी रहती है।  जिसके कारण नॉएडा के विकास के पहियों में ब्रेक लगा हुआ दिखाई देता है।
योगेश शर्मा सेक्टर 82 उद्योग विहार के अध्यक्ष और फोनरवा पदाधिकारी का कहना है कि नॉएडा प्राधिकरण की इस ऑनलाइन टेंडर प्रकिया में जो टेंडर भरने के जटिल नियम बनाया गया जिससे आवेदनकर्ता को टेंडर मिलने में कई महीने लग जाते उसको बदला जाये पर ऑनलाइन टेंडर प्रकिया जारी रखी जाये जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
नॉएडा निवासी पवन यादव का भी नॉएडा प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रकिया  पर कहना है की “8-8 महीनो तक टेंडर पड़े रहते है खोलने वाले ठेकेदार का इंतजार करते रहते है जिससे इन 8 महीनो में समस्या और बढ़ जाती है तो फिर इस ई टेंडर का क्या मतलब रह जाता है जिसके चलते समस्या ख़त्म होने की बजाये वैसे ही बनी रहती है”।
स्थानीय निवासी त्रिलोक का भी नॉएडा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रकिया के बारे में कहना है कि जो नॉएडा प्राधिकरण द्वारा टेंडर के लिए तरीका अपनाया जा रहा है वो इस शहर के विकास में बाधक बन रहा है जिसे अधिकारियों को व्यवस्था में बदलाव करना होगा ।
हालाँकि कोई अधिकारी इस विषय पर अनुकूल बोलने को तैयार नहीं होता है पर दबी जुबान में कई स्वीकारते हैं की पूर्व में एक वरिष्ठ अधिकारी पर टेंडर प्रक्रिया का उलंघन करने पर हुई कड़ी कार्यवाही के कारण अब इस टेंडर प्रक्रिया को पूर्णतः नियम अनुसार अक्षरसः पालन किया जाता है जिससे कई विकास कार्यों में देरी भी हो जाती है।
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