किसानों ने यमुना प्राधिकरण के बिल्डरों का काम कराया बंद

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अतिरिक्त मुआवजा और विकसित भूखंड की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने बुधवार को यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में चल रहे सभी बिल्डरों का काम बंद करा दिया। खास बात यह रही कि किसानों ने पुलिस को साथ लेकर काम बंद कराया। चार दिन तक किसान इंतजार करेंगे। अगर मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो किसान यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाम लगाएंगे।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तर्ज पर यमुना विकास प्राधिकरण के किसान भी 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा और 10 फीसदी विकसित भूखंड की मांग कर रहे हैं। किसान कई दिनों से गलगोटिया विश्वविद्यालय के पास धरना दे रहे हैं। किसानों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को सभी बिल्डरों का काम बंद करा दिया। इससे पहले किसान गलगोटिया विश्वविद्यालय के पास चल रहे धरना स्थल पर एकत्र हुए। यहां पर बैठक करने पश्चात किसान बिल्डरों का काम बंद कराने के लिए निकल पड़े। इस दौरान किसानों ने दनकौर पुलिस को भी बुला लिया था। पुलिस की मौजुदगी में किसानों ने सभी बिल्डरों का काम बंद करा दिया। भाकियू के मंडल अध्यक्ष अजय पाल आर्य ने बताया कि पिछली बार जब किसानों ने बिल्डरों का काम बंद कराया था, तो बिल्डरों द्वारा तोड़फोड़ और सामान चोरी का आरोप लगाया गया था। इसलिए इस बार किसानों ने फलिस को साथ लेकर किसानों का काम बंद कराया है। उन्होंने बताया कि काम बंद कराने के बाद किसान चार दिन तक प्राधिकरण और शासन के रूख का इंतजार करेंगे। अगर इस दौरान उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है, तो किसान अगली रणनीति बनाएंगे। उन्होंने बताया कि अगली रणनीति में किसान यमुना विकास प्राधिकरण के गेट पर तालाबंदी के साथ यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाम लगाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि बिल्डर रात में काम न करें, इसके लिए किसानों की टीम बनाई गई है, जो रात में भी मौके पर जाकर मुआयना करेंगे। वहीं, किसानों का धरना लगातार जारी रहेगा। बैठक की अध्यक्षता पूरन पहलवान निवासी पारसौल ने की। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह चैरोली, ओमपाल कसाना, रविन्द्र प्रधान, अमित कसाना, पवन खटाना, देशराज सिंह, बलराज सिंह और लक्ष्मी सहित करीब 1500 किसान उपस्थित रहे।

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