क्या मनोज तिवारी से पहले BJP के सभी नेताओं ने दिल्ली की जनता से झूठ बोला?

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क्या मनोज तिवारी से पहले BJP के सभी नेताओं ने दिल्ली की जनता से झूठ बोला?
दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्ज़े की ख़िलाफ़त करना BJP के राजनीतिक इतिहास का सबसे बड़ा ‘U’ टर्न 

क्या मनोज तिवारी से पहले BJP के सभी नेताओं ने दिल्ली की जनता से झूठ बोला?

दिल्लीवालों को अपने ही देश में दूसरे दर्ज़े का नागरिक क्यों बना रही है BJP? 

दिल्ली BJP के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी द्वारा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिलाने की ख़िलाफ़त करना BJP के राजनीतिक इतिहास का सबसे बड़ा ‘U’ टर्न है। भारतीय जनता पार्टी के नेता चाहते ही नहीं हैं कि दिल्ली के लोगों को पूर्ण राज्य के फ़ायदे मिलें। दिल्ली BJP के अध्यक्ष ने अपने बयान से यह ज़ाहिर कर दिया है कि BJP को दिल्ली के लोगों की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का  दर्ज़ा मिलने से दिल्ली के मुख्यमंत्री या किसी व्यक्तिविशेष का फ़ायदा होगा बल्कि आम आदमी पार्टी इसलिए भी पूर्ण राज्य के दर्ज़े का समर्थन करती है क्योंकि इससे दिल्ली की जनता का फ़ायदा होगा। आम आदमी पार्टी और दिल्ली की जनता यह जानना चाहती है कि क्या आज से पहले पूर्ण राज्य के दर्ज़े के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता दिल्ली की जनता से झूठ बोलते आए हैं?

इस मुद्दे पर पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉंफ्रेस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि ‘दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने जिस तरह से दिल्ली के फुल स्टेटहुड के ख़िलाफ़ बयान दिया है उससे यह साबित हो जाता है कि बीजेपी अपने ही द्वारा किए गए वायदे से ‘U’ टर्न ले रही है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष् मनोज तिवारी के अनुसार दिल्ली के लोगों को पूर्ण राज्य के दर्ज़े का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

“दिल्ली की जनता यह जानना चाहती है कि आख़िर भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की जनता के वोट का अपमान क्यों कर रही है? बाकी राज्यों की जनता के मतों से दिल्ली की जनता के मतों का महत्व कम क्यों है? दिल्लीवालों को अपने ही देश में दूसरे दर्ज़े का नागरिक क्यों बना रही है बीजेपी? आख़िर क्यों बीजेपी के नेता अब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देने की ख़िलाफ़त कर रहे हैंय़ जबकि पूर्व में वे खुद इसकी वकालत करते आए हैं”  ‘

 

“राजधानी दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का दर्ज़ा इसीलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यहां के प्रशासन में जटिलताएं इतनी ज़्यादा हैं कि उत्तरदायित्व को लेकर हमेशा जनता के बीच में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। मिसाल के तौर पर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली थी तो पता चलता है कि बीजेपी शासित एमसीडी ने अपनी ज़िम्मेदारियों से किनारा करते हुए सारा ठीकरा दिल्ली सरकार के सर फोड़ दिया। बारिश के मौसम में भी एमसीडी कुछ ऐसा ही बर्ताव करता है। अगर दिल्ली का कोई नागरिक अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है तो दिल्ली के जनप्रतिनिधि उनकी सहायता नहीं कर सकते क्योंकि पुलिस केंद्र सरकार के आधीन है। इस तरह की जटिलताओं और उलझन की वजह से यह ज़रूरी हो गया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिले ताकि दिल्ली की जनता अपने चुने हुए नेतृत्व से ना केवल काम की उम्मीद कर सके बल्कि जनता खुद भी उसका लाभ उठा सके और इसीलिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को समझते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिलाने सम्बंधी ड्राफ्ट तैयार किया और दूसरे दलों के पास उनकी प्रतिक्रिया के लिए भेजा है“

“ अब दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जिस तरह से अपने बयान में दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्ज़े की ख़िलाफ़त की है उसके बाद आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व से कुछ सवाल पूछना चाहती है।

1-   क्या मनोज तिवारी से पहले, दिल्ली बीजेपी के सभी नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना और माननीय स्व. साहिब सिंह वर्मा जी से लेकर डॉ हर्षवर्धन, विजय गोयल और साथ-साथ बीजेपी के अन्य बुजुर्ग़ नेताओं ने पूर्ण राज्य के दर्ज़े पर दिल्ली की जनता से झूठ बोला?

2-   दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी के बयान के मुताबिक अब क्यों ना यह माना जाए कि दिल्ली की जो लोग पूर्ण राज्य के दर्ज़े के साथ हैं वो AAP को वोट दें और जो लोग मनोज तिवारी जी का समर्थन करते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिलने के ख़िलाफ़ हैं वोBJP को वोट दें?

3-   भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व यह साफ़ करे कि श्री मनोज तिवारी के बयान को उनकी मूक स्वीकृति है या फिर वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिलाने में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का समर्थन करेंगे?

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