ढाई सौ औद्योगिक भूखंडों के आवंटन पर खतरा

प्राधिकरण की प्राॅपर्टी में निवेश करने वाले तो हजारों हैं, मगर वास्तविक निवेशकों के आगे न आने के कारण प्राधिकरण को नुकसान हो रहा है। मुनाफा कमाने की लालच रखने वालों पर प्राधिकरण का करीब 450 करोड़ रुपये बकाया है, जिसे वसूल नहीं पा रहा है। इसलिए तंग आकर प्राधिकरण ने 250 औद्योगिक भूखंडों को निरस्त करने का फैसला लिया है। अगर इन भूखंडों पर कंपनी बन जाती तो हजारों लोगों को नौकरी मिल जाती।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा शुरूआती दौर में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ताबड़तोड़ भूखंडों का आवंटन किया था। ताकि ग्रेटर नोएडा में एक के बाद एक कंपनियां खुलें और बेरोजगारों को नौकरी मिल सके। प्राधिकरण द्वारा तकरीबन 1600 भूखंडों का आवंटन किया गया है। इसमे से करीब 600 भूखंडों की ही रजिस्ट्री हो सकी है। अभी एक हजार से अधिक भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। जिसमे करीब 250 भूखंड ऐसे हैं, जो पांच साल पहले आवंटित किए गए थे। अब तक इन भूखंडों पर कंपनी स्थापित हो जानी चाहिए थी और हजारों लोगों को नौकरी मिल जानी चाहिए थी। मगर यह वास्तविक निवेशक नहीं थे। यह भूखंड उन लोगों को आवंटित कर दिए गए हैं, जो सिर्फ मुनाफाखोरी की लालच में आवंटित करा लिए थे। ताकि भूखंड की कीमत बढ़े और बेच दें। मगर ऐसा हो नहीं सका। आवासीय भूखंडों की कीमत तो दिनों-दिन बढ़ी मगर औद्योगिक भूखंडों की कीमतों में सिर्फ मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। लिहाला, आवंटियों द्वारा भूखंड को बेचा नहीं जा सका है। अब इन आवंटियों पर लाखों रुपये पैनल्टी बकाया है। आवंटियों द्वारा किश्तें देनी बंद कर दी गई है। इन आवंटियों को प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी करके पॅजेशन लेने की चेतावनी दी। मगर आवंटियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। प्राधिकरण के डीसीईओ मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि 250 भूखंड डिफाल्टर घोषित कर दिए गए हैं। इन आवंटियों का आवंटन रद्द कर दिया गया है। मगर प्राधिकरण की बाॅयलाज के अनुसार आवंटन रद्द होने के बाद री-स्टोर के लिए आंवटियों को छह माह की मोहलत दी जाती है। सभी आवंटियों को नोटिस जारी की जा चुकी है। इन पर प्राधिकरण का 450 करोड़ रुपये बकाया है। नोटिस जारी करने के छह माह के अंदर पैनल्टी के साथ किश्त नहीं जमा करते हैं, तो उनका आवंटन रद्द माना जाएगा। डीसीईओ मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में उद्योगों को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है। जो आवंटन रद्द होंगे, उनका मार्च-2014 के बाद स्कीम निकाल कर दुबारा आवंटन किया जाएगा। मगर इस बार मुनाफा कमाने वालों को भूखंड नहीं दिए जाएंगे। आवंटन में कुछ बदलाव किए जाएंगे, ताकि सिर्पफ वास्तवित निवेशक ही भूखंड का आवंटन कराएं और उद्योग लगे, ताकि बेरोजगारों को नौकरी मिल सके।


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