देश के सभी राज्यों में आंतरिक व्यापार विभा ग गठित करने की माँग :प्रवीन खंडेलवाल

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भारतीय एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय में डीआइपीपी विभाग का नाम बदल कर डिपार्टमेंट फ़ोर प्रमोशन फ़ोर इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड रखे जाने के बाद अब कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने आज देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को एक ज्ञापन भेज कर माँग की है। कि उनके प्रदेशों में भी केंद्र की तर्ज़ पर एक आंतरिक व्यापार मंत्रालय का गठन किया जाए जिससे सभी प्रदेशों के व्यापारियों को अपने राज्य में एक ही विभाग के माध्यम से अपनी समस्याओं को सुलझाने का मौक़ा मिले सके और प्रदेशों में व्यापार करने के बेहतर अवसर मिलें ।

साथ ही कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की घरेलू व्यापार को लेकर केंद्र एवं राज्यों में बेहतर समन्वय बने और घरेलू व्यापार के लिए एक प्रभावी राष्ट्रीय नीति सभी राज्यों में समान रूप से लागू हो उसके लिए यह बेहद आवश्यक है की जहाँ केंद्र में आंतरिक व्यापार विभाग बन चुका है वहीं अब सभी राज्यों में भी आंतरिक व्यापार विभाग का गठन तुरंत होना चाहिए । अभी तक घरेलू व्यापार विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत आता था और कोई एक माई बाप नहीं था किंतु अब यह सीधे तौर पर केंद्र में वाणिज्य मंत्रालय के आधीन आ गया है । इसी प्रकार की स्पष्टता सभी राज्यों में भी होनी ज़रूरी है ।

देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं जो लगभग 30 करोड़ लोगों को रोज़गार देते हैं । देश में प्रतिवर्ष घरेलू व्यापार लगभग 42 लाख करोड़ रुपए से अधिक है । घरेलू व्यापार की वार्षिक वृद्धि दर लगभग 15 प्रतिशत है । कृषि के बाद देश में रोज़गार देने वाला यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है किंतु अर्थव्यवस्था के केवल इसी वर्ग के लिए न तो कोई नीति है और न कोई मंत्रालय है। जिसके कारण से इस क्षेत्र की समस्याएँ दशकों से ज्यों की त्यों है ।

कैट ने मुख्यमंत्रियों को भेजे ज्ञापन में कहा है की प्रत्येक राज्य की अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी व्यापारी वर्ग है जो बड़ी मात्रा में बिना किसी पारिश्रमिक के सरकार के लिए राजस्व एकत्र करने का काम करता है । यह आवश्यक है की राज्य स्तर पर एक राज्य व्यापार नीति बने और प्रत्येक राज्य में एक ट्रेड प्रमोशन काउन्सिल का गठन किया जाये। जिसमें अधिकारियों के साथ व्यापारियों का भी प्रतिनिधित्व हो और प्रदेश में सुविधा पूर्वक व्यापार कैसे बड़े इसके उपाय किए जाएँ । उपभोक्ताओं के साथ व्यापारियों का सीधा सम्पर्क होने के कारण व्यापारियों की सप्लाई चैन का बड़ा महत्व है ।


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