लोकसभा चुनाव में ब्लैक मनी के इस्तेमाल की संभावना बढ़ गई है।
ब्लैक मनी के इस्तेमाल की निर्वाचन विभाग करेगा जांच
ग्रेटर नोएडा। लोकसभा चुनाव में ब्लैक मनी के इस्तेमाल की संभावना बढ़ गई है। एक व्यक्ति ने केन्द्रीय और राज्य चुनाव आयोग को ई-मेल भेज कर बसपा द्वारा चुनाव प्रचार में ब्लैक मनी के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग के निर्देश पर डीएम ने एडीएम (प्रशासन) को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है। नई दिल्ली निवासी सत्यदेव राम नामक व्यक्ति ने बीते 5 मार्च को एक ई-मेल केन्द्रीय चुनाव आयोग नई दिल्ली और यूपी चुनाव आयोग, लखनउ किया है। इसमें सत्यदेव ने आरोप लगाया है कि बहुजन समाज पार्टी को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जय प्रकाश इंफ्राटेक (जेपी) द्वारा 10 हजार करोड़ रुपए की ब्लैक दी जा रही है। इस ब्लैक मनी का इस्तेमाल बसपा द्वारा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने कंडिडेट्स के चुनाव प्रचार में खर्च किया जाएगा। सत्यदेव राम का आरोप है कि बीएसपी द्वारा उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को हराने के लिए इस ब्लैक मनी का इस्तेमाल किया जाएगा। जेपी के चेयरमैन मनोज गौड़ द्वारा इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती की मदद की जा रही है। मायावती और मनोज गौड़ द्वारा संयुक्त रूप से कांग्रेस, बीजेपी, एसपी और आप को हराने के लिए प्लान तैयार किया है। आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा जेपी के नोएडा सेक्टर 128 और कानपुर स्थित फर्टीलाइजर एंड सीमेंट कंपनी में ब्लैक मनी का निवेश किया गया है। इस ब्लैक मनी का को बसपा सुप्रीमो और जेपी के चेयरमैन मनोज गौड़ द्वारा वोटर, माफिया, शक्तिशाली लोगों और बाहुबलियों में बांटा जा रहा है, ताकि माहौल बसपा के पक्ष में बनाया जा सके और लोकसभा चुनाव में कांगे्रस, बीजेपी, एसपी और आप को दिल्ली और यूपी में पराजित किया जा सके। सत्यदेव राम का दावा है कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं। यदि उनके आरोप सही पाए जाते हैं, तो उन्हें सम्मानित किया जाए और यदि आरोप झूठा पाया जाता है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाए। सत्यदेव ने चुनाव आयोग से ब्लैक मनी की जांच कर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, राज्य चुनाव आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लिया है और जिलाधिकारी को जांच का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ए.वी. राजामौली ने इसकी जांच एडीएम (प्रशासन) चंद्रशेखर को सौंपी है। एडीएम ने जांच की कारवाई शुरू करने की बात कही है। इसकी जांच संयुक्त आयकर निदेशक (जांच) के नोडल अधिकारी द्वारा भी की जाएगी।
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