शासन ने मांगा जिले में जारी लाइसेंस का ब्यौरा
जनपद में अपराधी छवि वालों को मिला शस्त्र लाइसेंस रद्द हो सकता है। शासन ने जिला प्रशासन से अब तक जारी सभी शस्त्र लाइसेंस का पूरा ब्यौरा मांगा है। शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में अपराधिक छवि वालों की अलग से जानकारी देनी होगी। इसके साथ जिन लोगों लाइसेंस मिले हैं और उन्हें पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है, उनकी भी अलग से रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रदेश में जारी हो रहे शस्त्र लाइसेंस को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रूख बरकरार रखा है। कोर्ट के आदेशानुसार पहले 25 नवम्बर तक जिलाधिकारियों को नए लाइसेंस नहीं जारी करने का निर्देश दिया गया था। वहीं,सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अब 31 मार्च 2014 तक नया लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी एचएल गुप्ता ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस जारी करने को लेकर शासन ने नया आदेश जारी किया है। अब आसानी से किसी को शस्त्र लाइसेंस नहीं प्राप्त हो सकेंगे। आवेदक को शस्त्र लाइसेंस लेने की प्रमुख वजह बतानी होगी। इसके साथ आवेदक पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है, इसका एक एफिडेविड भी सौंपना होगा। डीएम ने बताया कि 31 मार्च तक प्रशासन द्वारा कोई लाइसेंस नहीं जारी किया जाएगा। इस बीच, शासन ने अब तक जारी सभी शस्त्र लाइसेंस का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने बताया कि जिले में जारी लाइसेंस कैसे-कैसे लोगों को जारी किए गए हैं, उनका पूरा ब्यौरा देना होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए शासन अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है और पूरा डाटा कलेक्ट करने का निर्देश दिया गया है। डीएम ने बताया कि जिले में जिन लोगों को लाइसेंस दिया गया है और उन्हें शासन के निर्देश पर सुरक्षा भी मुहैया कराई जा रही है, उनका भी अलग से ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है। डीएम ने बताया कि दो महीने में पूरा ब्यौरा शासन को भेजना है। इसके लिए शासन स्तर पर एक समिति भी बनाई गई है, जो जारी लाइसेंसों को रद्द करने या न करने संबंधित अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।