गौतम बुद्ध नगर : पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स सार्वजनिक स्थान पर फेंके तो लगेगा 5 हजार का जुर्माना*
Abhishek Sharma
दिल्ली से सटे गोतमबुद्धनगर में कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से बचाव में इस्तेमाल होने वाले पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स को अब यदि सार्वजनिक स्थलों परकूड़े कचरे के ढेर में फेंका गया तो 5 हजार का जुर्माना लगेगा।
दरअसल, नोएडा में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है।इसकी एक वजह पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स को सीधे कूड़े-कचरा में फेंकना भी माना जा रहा है। ऐसे मेंनोएडा प्राधिकरण ने पीपीई किट कोकूड़े के ढेर में फेंकने वालों पर 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाने का निर्देश जारी किया है।
प्रदेश सरकार ने 8 अप्रैल को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य कर दिया था। उसके अगले दिन नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर वासियों से एक अपील करते हुए कहा था कि कोई भी सीधे मास्क और ग्लव्स कूड़े में नहीं फेंके।
इसके लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है। लोग ऐसी संक्रामक वस्तुएं उस एजेंसी को उपलब्ध करवा दें। इस अपील के बावजूद लोग लगातार मास्क और ग्लव्स सीधे कचरे में फेंक रहे हैं। जिसके कारण सफाई कर्मचारी संकट में पड़ रहे हैं।
अब विकास प्राधिकरण ने ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी एससी मिश्रा ने कहा कि हम केवल उन लोगों पर अर्थदंड लगाएंगे, जो जहां-तहां मास्क और ग्लव्स फेंकते पकड़े जाएंगे।
निर्धारित डस्टबिन में मास्क और ग्लव्स फेंकने वालों पर अर्थदंड नहीं लगाया जाएगा। हम शहर के लोगों से एक बार फिर अपील करते हैं कि निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। शहर में उपलब्ध करवाई गई काले रंग की डस्टबिन में ही मास्क और ग्लव्स फेंके। जिससे इनका उचित ढंग से निस्तारण किया जा सकता है।
नोएडा में मास्क और ग्लव्स के रूप में प्रतिदिन करीब 25 किलो कचरा निकल रहा है। इसे एकत्र करने के लिए एक एजेंसी की नियुक्ति की गई है, जो घर-घर जाकर ऐसा कचरा इकट्ठा कर रही है।
एससी मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर से यह खतरनाक कचरा एकत्र करके सेक्टर-25 में ले जाया जाता है। वहां इसके निस्तारण की व्यवस्था की गई है। मेरठ की एक एजेंसी सेक्टर-25 में नियमों के अनुसार इस कचरे को निस्तारित कर रही है।
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