नई दिल्ली 27 फरवरी को देश की राजधानी दिल्ली में युवाओं ने बेरोजगारी की समस्या को लेकर एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया, अलग अलग राज्यों से आए युवाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी समस्याएं मंच से सुनाई।
यह विशाल प्रदर्शन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन के आह्वान में हुआ, प्रदर्शन में मौजूद युवाओं का कहना था कि देश में बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है, देश की युवा आबादी के लिए रोजगार सर्जन करना सरकार का एक प्रमुख काम होना चाहिए लेकिन नए रोजगार सर्जन करना तो दूर, उल्टे सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं जिसे सरकार भर नहीं रखी है पिछले दिनों सरकार ने 4 लाख से अधिक पदों को समाप्त कर दिया। अब तो सत्ताधारी लोगो ने रोजगार के मुद्दे पर बात करनी बंद कर दी है तथा युवा लोग इस मुद्दे पर आवाज ना उठाएं इसके लिए बेरोजगारी के आंकड़े तक देना बंद कर दिया है। सत्ता पाने की लालच में विपक्षी दल घड़ियाली आंसू जरूर बहाते
हैं और अपनी चुनावी घोषणापत्र में करोड़ों युवाओं को रोजगार देने की बात बड़ी बेशर्मी से करते हैं, मगर याद रखें यह भी सत्ता मिलने के बाद युवाओं का मजाक उड़ाएंगे।
प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हुए युवाओं ने कहा कि जैसे हमारे प्रधान सेवक ने सत्ता मिलने पर नौजवानों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि पकोड़े बेचना भी तो रोजगार है यानी उनके हिसाब से कोई बेरोजगार नहीं है क्योंकि पेट पालने के लिए हर नौजवान कुछ न कुछ काम तो करेगा ही, हालत यह है कि चपरासी, कुली, सफाई कर्मी जैसे कुछ पदों के लिए भी लाखों युवा आवेदन करते हैं। यूपी के मुख्यमंत्री कहते हैं कि नौकरी तो बहुत है लोग नहीं है। नौकरी आवेदन फीस के रूप में इतना पैसा अा जाता है कि चाहे तो नौकरी पाने वालों को वेतन दिया जा सकता है अगर कुछ थोड़ी वैकेंसी भी आती है तो उसे कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लाया जाता है।
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