ग्रामीण क्षेत्रों में विकसित विश्व विद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थानों को विशेष प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है: कुंवर शेखर विजेंद्र

एसोचैम द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के उत्तर प्रदेश  की शिक्षा के उज्जवल भविष्य एवं अवसरों पर  चर्चा के लिए ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल माननीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी रही।  वेबीनार में बोलते हुए श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति, उसकी आर्थिक संपन्नता और सुरक्षा का आधार उस राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और गतिशीलता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में इकलौती ऐसी शिक्षा नीति है। जिसमें  दो लाख ग्राम पंचायत  6600 ब्लॉक, 676  जिलो से दो लाख से अधिक सुझाव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। यह शिक्षा नीति 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं, उम्मीदों ,भावनाओं को अपने अंदर समेटे हुए हैं। यह शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

शिक्षा में निवेश एक ऐसा प्रयोग है जिसका लाभ हमें पीढ़ी दर पीढ़ी मिलता है। नई शिक्षा नीति के आने से नए युग के निर्माण की नींव पड़ी है। यह शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने खास तौर पर कहा कि मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम से इस शिक्षा नीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

अंत में उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र का भविष्य उज्जवल है। और नई शिक्षा नीति 2020 देश  और प्रदेश को एक नए परिवेश में अवश्य परिवर्तित करेंगे।

एसोचैम शिक्षा परिषद के सह-अध्यक्ष एवं शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र  ने माननीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति नव भारत के निर्माण की उद्घोषणा है। हमारा उत्तर प्रदेश अनंत काल से शिक्षा और ज्ञान का केंद्र रहा है और राष्ट्र की शिक्षा को सुदृढ़ करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह शिक्षा नीति केवल शिक्षा को लेकर बनाई गई नीति नहीं है बल्कि राष्ट्र नीति है इस शिक्षा नीति में मानव संसाधन न बनाकर मानव को बनाने का प्रयास होगा।

कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि एकेडमिक क्रेडिट बैंक  का निर्माण, अनुसंधान पर जोर, अंतरराष्ट्रीयकरण और विशेष आर्थिक क्षेत्रों का विकास भारत को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। यह शिक्षा नीति आधुनिक शिक्षा नीति है किंतु उसके बावजूद भी यह अपनी जड़ों से जुड़ी हुई है।

अंत में माननीय राज्यपाल से आग्रह करते हुए श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई  टास्क फोर्स में उत्तर प्रदेश की प्राइवेट यूनिवर्सिटी का भी सहयोग लिया जाए। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को शिक्षित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जो शिक्षण संस्थाएं विकसित की गई है चाहे वह विश्वविद्यालय हो या उच्च शिक्षण संस्थान हो उन्हें विशेष प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। जिससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा बल्कि ग्रॉस इनरोलमेंट को 50% तक ले जाने में मदद मिलेगी ।

वेबीनार के दौरान अशोका विश्वविद्यालय के ट्रस्टी श्री विनीत गुप्ता, अध्यक्ष एसोचैम एवं मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन डॉ प्रशांत भल्ला एवं  एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद द्वारा भी नई शिक्षा नीति पर प्रमुखता से अपने विचार रखे। विश्व विद्यालय के सभी  शिक्षकों एवं छात्रों ने ऑनलाइन  माध्यम से वेबीनार में सहभागिता की।

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