भट्टा पारसौल के किसानों पर चल रहे दोनो मुकदमे हुए वापस, डाॅ महेश शर्मा ने की थी मांग

Ten News Network

यूपी सरकार ने गौतम बुद्ध नगर के भट्टा पारसौल में आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज दो मुकदमे वापस ले लिए हैं। ये मुकदमे सात मई 2011 को जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद दर्ज किए गए थे।

यमुना एक्सप्रेसवे के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण को खिलाफ किसानों और जिला प्रशासन के बीच तनाव पैदा हो गया था। इसी बीच सात मई 2011 को पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई। फायरिंग में दो किसान और दो पुलिसवाले मारे गए।

मिली जानकारी के अनुसार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के योगी सरकार के प्रस्‍ताव को राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने अनुमति दे दी है। डाॅ महेश शर्मा ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए सरकार से मुकदमे वापस लेने की मांग की थी।

इसके बाद यूपी सरकार ने राज्यपाल से मुकदमा वापस लिए जाने की सिफारिश की थी। वापस लिए गए मुकदमे गौतमबुद्धनगर की दनकौर कोतवाली में दर्ज थे। इनमें तीन दर्जन से अधिक किसानों को आरोपी बनाया गया था।

दनकौर कोतवाली- मुकदमा अपराध संख्या 96/2011, आईपीसी की धारा 147, 394, 308, 364, 325 और 323। आरोप-पीएसी की कंपनी पर हमला और उनके हथियारों की लूट। यह मुकदमा किसान नेता मनवीर तेवतिया सहित 30 अन्य किसानों के खिलाफ दर्ज था।

दूसरा मुकदमा अपराध संख्या 251/2011। 25 आर्म्स एक्ट के तहत। यह मुकदमा प्रेमवीर सहित अन्य किसानों के खिलाफ दर्ज था।

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