नई दिल्ली :– नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध एक बार फिर तेज होता दिखाई दे रहा है, आज संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एक बार फिर किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्रित हुए है।
कृषि कानून के छह महीने होने पर किसान आज काला दिवस मना रहे हैं. हालांकि राकेश टिकैत का कहना है कि हालातों को देखते हुए ज्यादा आंदोलनकारी इकट्ठा नहीं किए गए हैं।
किसानों की ओर से मनाया जा रहा काला दिवस सिर्फ दिल्ली के बॉर्डर तक सीमीत नहीं है. पंजाब, हरियाणा समेत कई जगों पर किसान अपने घरों के छतों, वाहनों आदि पर काले झंडे लगा कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र के खिलाफ नारेबाजी के साथ ही एनसीआर के गांवों में मोदी सरकार के पुतले भी जलाए जा रहे हैं।
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने टेन न्यूज़ से कहा कि आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं , लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं। ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। बाहर से कोई किसान यहां नहीं आए।
कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बॉर्डर पर काले झंडे लगाकर आज काला दिवस मना रहे हैं। पंजाब के अमृतसर के छब्बा गांव में किसानों ने अपने घरों में काले झंडे लगाकर और अपने हाथों में काले झंडे लेकर काला दिवस मनाते हुए दिखे।उधर कृषि कानूनों के विरोध में किसान द्वारा आज मनाए जा रहे काले दिवस को देखते हुए दिल्ली के कई जगहों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।