कौंसिल ऑफ रॉयल रूट्स ने नेशनल लीडरशिप समिट का आयोजन डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में 23 अक्तूबर 2021 को किया । इस समिट का अहम विषय सकारात्मकता बनाए रखना और उसे बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम में डॉ प्रतिभा गायकवाड़ मौजूद रही।और उन्होंने पाजिटिविटी को लेकर कहा कि हमें अपनी क्षमता को जानना चाहिए समझना चाहिए।
और साथ ही कहा जिस संस्था के साथ मैं काम करती हूं उसका नाम है रयत शिक्षण संस्था और इस संस्था को 40 रुपये में 4 बच्चों के साथ शुरू किया गया था। और आज हम इस संस्था का 102 वी वर्षगाँठ मना रहे हैं। और यही इशारा करता है सकारात्मक सोच की तरफ।
*टेन न्यूज से डॉ प्रतिभा गायकवाड़ खास बातचीत के के अंश :
आप खुद किस तरह से मूव्मेंट ऑफ पाजिटिविटी में योगदान देना चाहेंगी?
पहले तो हमें खुद मैं सकारात्मक सोच लानी चाहिए, और एक शिक्षक होने के नाते बोलना चाहूंगी सकारात्मक सोच पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए।
स्कूल में ना केवल बच्चों को पढ़ाया जाता है बल्कि वहां हम शिक्षक एक नई पीढ़ी को बनाते हैं। और इस पीढ़ी में हम सकारात्मक सोच ला कर उनकों बढ़वा देंगे।
मूव्मेंट ऑफ पाजिटिविटी को आप अपने शहर में या क्षेत्र में किस तरह से बढ़वा देंगी और वहां के लोगों को कैसे प्रेरित करेंगी?
उन्होंने कहा क्रिया ”शब्द से अधिक जोर से बोलती है। हम जो करते है वो सकारात्मक होनी चाहिए, सिर्फ बोलने से सकारात्मक सोच नहीं आती। हमें हर कार्य सकारात्मक सोच के साथ करना चाहिए।
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