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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में मोदी राज में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चीन और पाकिस्तान की सीमा दिल्ली में हो गई हैं। ऐसा व्यवहार किसानों के साथ हमारे देश के अन्नदाताओं के साथ किया जा रहा है। जैसे कि वह आतंकवादी हैं, देशद्रोही है, गद्दार है और भारतीय जनता पार्टी का जो रवैया उनके प्रति है पिछले 75 दिनों से किसान आंदोलन पर हैं।
आगे उन्होंने कहा उसके ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए उसके ऊपर पानी की बौछार की गई बूढ़े किसानों की आंखें फोड़ दी गई 80 साल के किसानों को पकड़ पकड़ कर जेल में डाला जा रहा है। गुरमुख सिंह जी जो कि एक पूर्व सैनिक है। उनको पकड़ कर जेल में डाल दिया गया।
उन्होंने कहा इतनी जुल्मी, इतना अत्याचार करने के बावजूद. इस सरकार में दया नाम की 1 इंच मात्र चीज नहीं है। कल भी सदन के अंदर हम लोगों ने हमला किया। आवाज उठाई किसानों की और देश के सर्वोच्च सदन में हमने किसानों की आवाज उठाई और कहा पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा कीजिए। और इस बिल को वापस लीजिए क्योंकि किसानों की यही मांग है। वह 75 दिनों से इस बिल को वापस करने के लिए बैठे हैं लेकिन सरकार को उनकी पीड़ा नहीं दिखाई दे रही है।
आगे उन्होंने कहा अकेले आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। लेकिन सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी। आज चेयरमैन साहब बार-बार आम आदमी पार्टी के सांसदों पर कार्यवाही करने की बात कर रहे थे। तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद से भी कहा कि क्या हम असहायक है?
मुझे अफसोस हुआ कि सदन के अंदर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद जी ने सदन में कहा कि जो हमने कहा था जो तय किया था। हम उसके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस और बीजेपी ने आपस में क्या तय किया?
आपस में तय करके वह क्या करना चाहते हैं किसानों पर न्याय कैसे मिलेगा? आखिर क्या डील हुई है? क्या कांग्रेस इस बात पर सहमत नही के किसानों के मुद्दे पर अलग से बातचीत करके इन तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए ?
आगे वह कहते हैं यह संकेत है की कांग्रेस और बीजेपी ने किसानों के मुद्दे को लेकर आपस में कुछ तय कर लिया है। जिसका मुख्य कारण है कांग्रेस पार्टी किसान के मुद्दे को मुखरता से उठाने में नाकामयाब साबित हुई है जहां तक आम आदमी पार्टी का प्रश्न है हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस वक्त भी किसानों का साथ दिया। जब 7 स्टेडियम उनकी गिरफ्तारी के लिए मांगे जा रहे थे। ।उन्होंने उस वक्त भी उनका साथ दिया जब वाईफाई बिजलीपानी की उनको जरूरत थी।