Ten News Special : दिल्ली जल बोर्ड के निजिकरण पर बोले आप विधायक, पानी के निजिकरण को लेकर उडाई जा रही है अफवाह

ABHISHEK SHARMA

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राजधानी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण को लेकर कवायद शुरू की है। अब इसे लेकर दिल्ली में सियासी पारा गरमाने लगा है। मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तो केजरीवाल सरकार पर हमला कर ही रही है, कांग्रेस ने भी आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

विपक्ष का कहना है कि निजीकरण के बाद हजारों की संख्या में कर्मचारी बेरोजगार की श्रेणी में आ जाएंगे। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इस दौर में लाखों लोग बेरोजगारी की वजह से जीविका की समस्या से जूझ रहे हैं। यदि केजरीवाल सरकार इस संकट के दौर में दिल्ली जल बोर्ड का निजीकरण करती है तो हजारों लोगों के रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसी विषय को लेकर टेन न्यूज नेटवर्क पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया।

बता दें कि कोरोना महामारी में टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि टेन न्यूज़ नेटवर्क ने ‘दिल्ली वालों की दिल की बात, राघव मल्होत्रा के साथ’ कार्यक्रम शुरू किया है, जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है। इस कार्यक्रम का संचालन राघव मल्होत्रा ने किया।

आपको बता दें कि राघव मल्होत्रा बहुत ही मशहूर लेखक और ऊर्जावान एंकर भी है। उन्होंने टेन न्यूज़ नेटवर्क के प्लेटफार्म पर बड़े विद्वानों व मशहूर लोगों से महत्वपूर्व विषयों पर चर्चा की है, जिसकी लोगों ने खूब सराहना की है।

कार्यक्रम के पैनलिस्ट

– सोमनाथ भारद्वाज, विधायक, माल्वीय नगर एवं पूर्व लाॅ मिनिस्टर, आम आदमी पार्टी, जय प्रकाश, मेयर, एनडीएमसी, निर्मल जैन, मेयर ईडीएमसी, नरेंद्र चावला, (Leader of the house, SDMC), कैलाश गोडुका, सीए, महासचिव जलाधिकार फाउंडेशन्स, राजीव काकरिया, कन्वेनर, (Save Our City), सौरभ गांधी, (Genereal Secretaty, United Residents of Delhi), बी एस वोहरा, (Social Activist, Blogger, President, East Delhi RWA’s Joint Front)

कार्यक्रम में विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि जिस तरह से बिजली का निजीकरण किया गया, अगर पानी का भी निजीकरण किया जाए तो उससे स्थिति और बेहतर हो जाएगी। जो सरकारी कर्मचारी हैं, वह स्थिति का संज्ञान नहीं ले पाते हैं।

इस पर विधायक सोमनाथ भारती ने अपनी राय रखते हुए कहा कि पानी का निजीकरण नहीं किया जा रहा है। जब दिल्ली जल बोर्ड का निजिकरण करने की अफवाह उड़ी थी तो खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खंडन किया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दिल्ली जल बोर्ड का निजीकरण नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में सब ने देखा है कि किस तरह से पानी टैंकर माफियाओं का खात्मा दिल्ली में हुआ है। पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 94% कालोनियों में पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है और लगातार सरकार इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य दिल्ली की अन्य राज्यों पर निर्भरता खत्म करने का है। दिल्ली में प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में प्रत्येक दिन 176 लीटर पानी का प्रबंध सरकार ने कर रखा है, लेकिन यह पानी उस इंसान तक इसलिए नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि दिल्ली के पाइप लाइन में जगह-जगह लीकेज हैं। जिसके चलते बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ हो जाता है। हालांकि इस समस्या पर भी सरकार काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी की कितनी चोरी होती है, यह भी सभी को मालूम है। उसको हमने पाइप्ड वाटर सप्लाई करके सभी अनाधिकृत कॉलोनियों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि 96% दिल्ली वासियों को पाइप से पानी सप्लाई हो रहा है। विधायक ने आगे कहा कि मेरे क्षेत्र के अंदर शीला दीक्षित द्वारा एमएनडब्लयूएस की स्थापना की गई थी। उसके बाद नवजीवन विहार, गीतांजलि एनक्लेव में पानी 24 घंटे सप्लाई होता है। यह पानी बगैर किसी मोटर, बगैर किसी टंकी के सीधे पाइप में आ रहा है।

अगर यह व्यवस्था पूरे दिल्ली में हो जाए तो यह एक दिल्ली के लिए क्रांति होगी। वहीं उन्होंने कहा कि जहां तक बात दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण की है तो यह महज एक अफवाह है और निजीकरण पर सवाल वह पार्टी उठा रही है जो बैंक, एयरलाइन, रेलवे का निजीकरण करने पर तुली हुई है। वह तो कम से कम हमसे सवाल ना करें तो बेहतर होगा।

ईडीएमसी के मेयर निर्मल जैन ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड बहुत तेजी से निजीकरण की ओर बढ़ रहा है लेकिन सरकार इस बात को लोगों से छुपा रही है। दिल्ली जल बोर्ड में निजिकरण करने के लिए बहुत तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक मेयर होने के नाते मैं भी सैकड़ों लोगों से मिलता हूं और यह बात सभी लोग जानते हैं कि दिल्ली जल बोर्ड में निजीकरण करने के लिए गतिविधियां चल रही हैं।

कैलाश गोडुका ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि हम सीवरेज, पाइप लाइन की मेंटेनेंस और सप्लाई के काम का निजीकरण करेंगे। जब सप्लाई का निजीकरण करने की बात कह रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि पानी का निजीकरण किया जा रहा है। सीवरेज, सप्लाई मेंटेनेंस और लीकेज का शुल्क प्राइवेट कंपनी वसूलने लगेगी तो यह भार दिल्ली की जनता पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पानी पर सरकार का अधिकार नहीं है। दिल्ली सरकार केवल कस्टोडियन हैं, जिस के नाते पानी का निजीकरण नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यायालय के जस्टिस अरुण मिश्रा का 26 नवंबर 2019 में एक फैसला आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को ना केवल लोगों को बल्कि प्राणियों को भी पंचतत्व निशुल्क मुहैया कराए जाने चाहिए। यदि सरकार यह कार्य नहीं कर सकती है, तो सरकार को अपने नागरिकों को मुआवजा देना चाहिए।

वहीं एनडीएमसी के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में बिजली और पानी को लेकर किए गए वादों के चलते सत्ता में आई थी, लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि यह लोग पानी का निजीकरण करने पर तुले हुए हैं। दिल्ली में पानी की अव्यवस्था हो रही है। कहीं भी पानी की लीकेज हो रही है या पाइप लाइन फट गई है तो उसको ठीक कराने का कार्य दिल्ली सरकार का है, ना कि इन सब का निजीकरण कर दिल्ली की जनता को परेशान करने का।

उन्होंने कहा दिल्ली में आज भी टैंकर के जरिए पानी की सप्लाई हो रही है, पानी को लेकर झगड़े होते हैं और भी कई तरह की अव्यवस्था फैली हुई है। दिल्ली सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। चुनावों के दौरान किए गए अपने वादों को आम आदमी पार्टी सरकार भूल चुकी है। ऐसा ही चलता रहा तो दिल्ली की जनता सरकार को सत्ता से निकाल सकती है।

सौरभ गांधी ने कहा कि विधायक सोमनाथ भारती ने पानी के मॉडल को लेकर कई बाते रखी। पिछले हफ्ते हमारी आरडब्लूए की एक बैठक हुई थी, जिसमें मालवीय नगर क्षेत्र की आरडब्ल्यूए सम्मिलित थी। उन्होंने इस बात को रखा कि उनके क्षेत्र में 24 घंटे पानी की सप्लाई नहीं है। पानी की गुणवत्ता खराब है। सीवरेज, लीकेज की समस्या लगातार बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि जैसा विधायक साहब ने बताया कि दिल्ली के प्रत्येक व्यक्ति के लिए 1 दिन में 176 लीटर पानी की व्यवस्था सरकार के पास है तो मैं यह कहना चाहूंगा कि इतने पानी में गुजारा नहीं हो सकता। लोगों को कपड़े धोने हैं , गाड़ी धोने हैं, बगीचों में पानी देना है। इन सभी गतिविधियों के लिए इतना पानी अपर्याप्त है।

बीएस वोहरा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार कहती है कि हम कोई भी फैसला जनता के बीच जाकर करते हैं। लेकिन पानी का निजीकरण किया जा रहा है, इस बारे में ना तो जनता से कोई राय ली गई न ही जनता को साफ तौर पर बताया जा रहा है। सरकार को पहले से ही जनता को इस बारे में बताना चाहिए था, पानी का निजीकरण हो रहा है। फिर भी सरकार कहती है कि निजीकरण नहीं किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि जब सरकार बाहर के ऑपरेटर्स लेकर आ रही है, वह सब कुछ प्रबंधन करेंगे तो निजीकरण ही तो कहा जाएगा। जो पॉलिसी सरकार ने लागू की है वह लोगों के सामने क्यों नहीं आई? उसमें क्या नियम व शर्तें हैं, वह जनता को बताए जाने चाहिए। लेकिन अभी तक जनता सिर्फ बातें कर रही है, पॉलिसी उसके हाथ में नहीं आई है।

उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में ट्विटर पर मुख्यमंत्री, राघव चड्ढा समेत कई लोगों को टैग करके ट्वीट किया है, जिसमें पॉलिसी की कॉपी की मांग की गई है कि आखिरकार सरकार यह पॉलिसी लागू करने के बाद क्या करने जा रही है।

राजीव काकरिया ने कहा कि दिल्ली सरकार स्कूल और पानी की व्यवस्था को लेकर दोबारा सत्ता में आई है। जो काम बिना निजीकरण के पहले हो गया तो अब सरकार दिल्ली जल बोर्ड का निजीकरण क्यों कर रही है? हालांकि विधायक ने साफ कर दिया है कि दिल्ली जल बोर्ड का निजीकरण नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनावों से पहले प्रति व्यक्ति 250 लीटर पानी देने का वादा किया था, लेकिन अब विधायक कह रहे हैं कि उनके पास प्रत्येक व्यक्ति 176 लीटर प्रत्येक दिन की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में इसकी घोषणा भी है। दिल्ली में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, गंदे पानी की लोगों को सप्लाई हो रही है। वहीं सरकार का दावा फेल हुआ है कि 24 घंटे पानी की सप्लाई की जाएगी।

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