असम में एनआरसी की फाइलिस्ट आई तो दिल्ली में भी एनआरसी की मांग उठ गई। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली में एनआरसी लागू करने की मांग की।
वही इस मामले में मनोज तिवारी के ब्यान पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एनआरसी का मामला लॉ एंड आर्डर से संबंधित है। ऐसे में उपराज्यपाल साहब को इस मामले में जानकारी देनी चाहिए। ये एलजी साहब का काम है, एलजी साहब ही बताएंगे। कुछ काम एलजी से करवाने चाहिए, वो कई सालों से तनख्वाह ले रहे हैं। एलजी मतलब केंद्र सरकार, एलजी से भी सवाल पूछे जाने चाहिए।
आपको बता दे कि मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार करने की जरूरत है क्योंकि स्थिति खतरनाक होती जा रही है. अवैध अप्रवासी जो यहां बस गए हैं, वे सबसे खतरनाक हैं, हम यहां भी एनआरसी को लागू करेंगे।दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव है और इससे पहले दिल्ली में रहने वाले गैरकानूनी अप्रवासियों पर विवाद गहरा गया है।
आपको बता दे कि मनोज तिवारी ने यह मांग ऐसे समय की है जब असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई है। असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची आज जारी कर दी गई, जिसमें से लगभग 19 लाख लोगों के निकाल दिया गया। अंतिम सूची से 19,06,677 लोग निकाले गए हैं , सूची में 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया है।
वहीं एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक चल रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी , लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है।इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं।
बहरहाल, जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, उनके लिए अब भी मौका है। इन लोगों को फॉरनर्स ट्रिब्यूलन में 120 दिनों में अपील करनी पड़ेगी , असम सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों से संबंधित मामले देखने के लिए 400 फॉरनर्स ट्रिब्यूनल्स स्थापित करेगी।