आप पार्टी की वरिष्ठ नेता और पीएसी सदस्य आतिशी मारलीना ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि ‘एक लम्बे समय से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने की लड़ाई लड़ती आ रही है। एक लम्बे समय से अधिकारी इस जनहित के कार्य में बाधाएं पैदा करते आ रहे हैं, और अब उपराज्यपाल साहब ने भी एक कमिटी का गठन करके महिला सुरक्षा के इस काम में एक और रोड़ा अटकाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ‘अब न केवल आम आदमी पार्टी ये सवाल उठा रही है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगे बल्कि अब तो भारत के न्यायालयों की तरफ से भी ये सवाल उठने लगे हैं।
हाई कोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट में लम्बित एक केस के की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे ना लगे होने की बात उठाई।
बुधवार को दिल्ली के शांति वन के पीछे के इलाके में यमुना में एक महिला की लाश मिली, उस केस का संज्ञान हाई कोर्ट ने लिया , केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि “आज दिल्ली में अपराध अपने चरम पर हैं, अगर दिल्ली पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया होता तो दिल्ली में कानून व्यवस्था और सुरक्षा का इतना बुरा हाल ना होता।
साथ ही उनका कहना है की केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगवाने को लेकर पूछे गए सवाल पर दिल्ली पुलिस ने बेहद ही शर्मनाक जवाब दिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि “हम कोर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटीज़ के तहत कैमरा लगवा सकते है”
क्या कैमरा लगवाना प्राइवेट कम्पनी का काम है? क्या दिल्ली पुलिस की कोई जिम्मेदारी नहीं है? क्या उपराज्यपाल साहब की कोई जिम्मेदारी नहीं है? और जब आम आदमी पार्टी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का काम शुरू करती है तो उपराज्यपाल साहब कमिटी बनाकर उसे रुकवा देते हैं।’
आतिशी ने कहा कि ‘एक तरफ तो दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल साहब कहते हैं कि दिल्ली में 2 लाख कैमरे लग चुके हैं, और वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में स्वीकार करती है कि हमने अभी तक दिल्ली में कोई कैमरा नहीं लगवाया है। अब या तो अनिल बैजल साहब झूठ बोल रहे है, या फिर हाईकोर्ट में दिया गया दिल्ली पुलिस का बयान झूठा है।’
मीडिया के माध्यम से आतिशी मरलीना ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस के समक्ष कुछ सवाल रखे.
1- ये 2 लाख कैमरे, जिसका उपराज्यपाल साहब ज़िक्र कर रहे हैं, वो लगे भी है या नहीं?
2- इन सभी 2 लाख कैमरों की जानकारी सार्वजानिक की जाएं, आखिर ये दिल्ली के किन-किन इलाको में लगे हैं। और किस कैमरे की निगरानी कौनसे पुलिस थाना द्वारा की जा रही है।
3- ये 2 लाख कैमरे क्या उन्होंने सोशल कोर्पोरेट रेस्पोंसिबिलिटी के तहत लगवाए हैं? और क्या ये कैमरे प्राइवेट कम्पनी के द्वारा लगवाए हैं?
4- क्या ये 2 लाख तथाकथित कैमरे उसी कमिटी के मानकों के आधार पर लगे हैं, जिनका हवाला देकर उपराज्यपाल साहब ने दिल्ली सरकार द्वारा लगवाए जा रहे CCTV कैमरे का काम रुकवा दिया?
5. क्या ये सही नहीं है कि दिल्ली के उपराज्यपाल का फोकस दिल्ली पुलिस के माध्यम से आम आदमी पार्टी के विधायकों और नेताओं के ख़िलाफ़ झूठे केस कराने पर है बजाए इसके कि वो दिल्ली की जनता को सुरक्षित माहौल दें।
उनका कहना है की दिल्ली की जनता इस बात को अच्छे से जान चुकी है कि दिल्ली में कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है। उपराज्यपाल अनिल बैजल साहब दिल्ली की जनता से झूठ बोल रहे हैं। अनिल बैजल साहब से पूछना चाहते हैं कि वो दिल्ली में हो रहे इस जनहित के कार्य को क्यों रोकना चाहते है? क्या वो नहीं चाहते कि दिल्ली की महिलाएं एक सुरक्षित माहौल में खुली सांस लें?