नई दिल्ली :– कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में जो कुछ भी हो रहा है, उससे हम बेहद परेशान और स्तब्ध हैं। हम इसे भारत के प्रत्येक नागरिक और निवासी के लिए पूरे देश के लिए गंभीर और गहरी चिंता का विषय मानते हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख भारत का एक अभिन्न, अविभाज्य, अछूत हिस्सा है, कोई अन्य निकाय, समूह, संगठन, व्यक्ति इसके विपरीत मुखर नहीं हो सकता है। जहां तक भारत का संबंध है, यह एक गैर-चर्चा योग्य, गैर-चर्चा योग्य मुद्दा है।
हम खुले दरवाजे, बाहरी या बंद दरवाजे के बारे में इन सभी शोरों से गुमराह नहीं हैं। हमारी बात मौलिक है, भारत की स्थापित विदेश नीति के तहत इंदिरा गांधी द्वारा हस्ताक्षरित शिमला समझौते के तहत, इनमें से कुछ द्विपक्षीय मुद्दे हैं, लेकिन यह मुद्दा हमारा आंतरिक मामला है।हम अपने कानून के साथ क्या करते हैं और कानून में बदलाव भी द्विपक्षीय नहीं है, यह आंतरिक है। यहां, द्विपक्षीय और आंतरिक से दूर, हम अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए कूद रहे हैं।
मुझे यह कहते हुए खेद है कि भारत सरकार के पीछे एक संपूर्ण दृष्टिकोण है, लेकिन यह सरकार की गंभीर कूटनीतिक विफलता है। यह सरकार की गंभीर रणनीतिक विफलता है।
साथ ही उनका कहना है कि मोदी सरकार की नाक के नीचे, हमारे विदेश मंत्री की मेजबानी करते हुए चीनी सरकार ने पाकिस्तान के इशारे पर इस बैठक का आयोजन किया। क्या यह एक कूटनीतिक अशुद्ध पद होने के अलावा एक रणनीतिक विफलता नहीं है। यूएन में ऐसी बैठक क्यों होनी चाहिए।
मैं प्रधान मंत्री से कहता हूं कि चुप न रहें और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने सभी दोस्तों को इस बैठक को रद्द करने के लिए स्थानांतरित करें। यह मुद्दा चर्चा के लिए खुला नहीं है।
जम्मू-कश्मीर की इस स्थिति को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। वहीं कहा जा रहा है कि कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और सोमवार से स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे । जब इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह वाक्य देश एक हफ्ते से सुन रहा है।
आपको बता दे कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत हालात को देखते हुए अपनी न्यूक्लियर पॉलिसी बदल सकता है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पालिसी या राष्ट्र रक्षा के सवाल पर।अगर पालिसी चेंज हुई है तो देश को बताना चाहिए कि क्या पालिसी है। जो भी होगा हम सरकार के साथ खड़े हैं उसका स्वागत करेंगे।