दिल्ली :– लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी पार्टी का लक्ष्य रह गया है दिल्ली को हासिल करना । जिसको लेकर आप , कांग्रेस और बीजेपी पार्टी अपनी तैयारियों में अभी से जुट गई है । वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्षवर्धन को पुन: शामिल कर एक तरीके से यह संदेश दे दिया है कि कुछ माह बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ही संगठन की कमान संभाले रहेंगे तथा चुनाव उन्हीं की देखरेख में लड़ा जाएगा। वह अपने पद पर बने रहेंगे, अब दिल्ली के सांसदों के समक्ष एक ही लक्ष्य होगा ‘मिशन दिल्ली’ को जीतना।
हालांकि चुनाव जीतने के बाद से संगठन में इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा के चुनाव लड़ सकती है, लेकिन अब उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए जाने से सभी तरह की चर्चाओं को विराम लग गया है।
इसी के साथ विजय गोयल को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। अब भाजपा आलाकमान इस सवाल का जवाब खोजने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहती है बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दिल्ली में भाजपा को लेकर बनी हुई रफ्तार को और गति देना ही पार्टी शीर्ष नेतृत्व का प्रमुख ध्येय है। उनके विजयी नेतृत्व में ही भाजपा दिल्ली विधानसभा में जीत के लिए चुनाव लड़े।
दरअसल पूर्वांचलवासियों को साधने के लिए जिस प्रकार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अचानक ही न केवल भोजपुरी गायक व सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की बागडोर सौंपी थी।
उसी समय तय हो गया था कि पार्टी आला कमान का पूरा ध्यान अब अन्य जातियों के साथ-साथ पूर्वांचलवासियों को साधने पर भी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मनोज तिवारी ने अध्यक्ष बनने के बाद पूर्वांचल नेता के रूप में अपनी अलग छवि स्थापित की है।
चूंकि विधानसभा चुनावों में हरेक दल का ध्यान पूर्वांचलवासियों पर रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार फिलहाल विधानसभा चुनावों तक प्रदेश नेतृत्व की कमान मनोज तिवारी के पास ही रखी जाएगी क्योंकि न केवल उनके नेतृत्व में पार्टी ने (एमसीडी व लोकसभा चुनावों)दो महत्वपूर्ण चुनावों में विजय प्राप्त की है,बल्कि दिल्ली में लोकसभा चुनावों में भी पार्टी का वोट शेयर 46 फीसदी से बढ़कर 56 फीसदी तक पहुंचा है। मृदुभाषी होने के साथ-साथ तिवारी की पूर्वांचल वर्ग में खासी पैठ बनी है।
विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश भाजपा ने अभी से अपनी तैयारियों का आगाज कर दिया है। न केवल चुनाव में संगठन की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं के जरिए लोगों को साधने के इरादे से नया नारा दिया गया है, बल्कि पूर्वांचल और अनधिकृत कॉलोनियों व झुग्गी बस्ती पर भी विशेष तौर पर ध्यान देने के लिए नीति तय की है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन के साथ पूर्वांचल प्रकोष्ठ व जेजे सेल के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक भी इस मसले पर हुई है। ऐसे में संभावना भी है कि इन प्रकोष्ठों का रोल चुनाव में खास हो सकता है।