दिल्ली स्टेट यूनिवर्सिटीज की परिक्षा रद्द, लाखों छात्रों को मिली बड़ी राहत

ROHIT SHARMA

नई दिल्ली :– दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एजुकेशन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की. इसी के साथ उन्होंने लाखों छात्रों को राहत देने वाला एक फैसला सुनाया।

आपको बता दें कि आज मनीष सिसोदिया ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा दिल्ली राज्य में जितनी भी यूनिवर्सिटीज हैं उनकी आगामी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. दिल्ली राज्य की यूनिवर्सिटी में किसी भी साल की कोई भी परीक्षा नहीं होगी ।

फाइनल ईयर के बच्चों को भी इसी तरह से एसेसमेंट करके उनको डिग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा, ये ऐसा समय है जब परीक्षा का आयोजन नहीं किया जा सकता. वहीं छात्रों को डिग्री देना भी जरूरी है ।

 

क्योंकि उनको आगे की पढ़ाई करनी है और नौकरी भी करनी है. इवैल्यूएशन का फॉर्मूला बनाया जा रहा है और उसी आधार पर छात्रों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया जाएगा और डिग्री दी जाएगी ।

इस फैसले के बाद लाखों छात्रों को राहत मिली है, क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इस सेमेस्टर में छात्र पढ़ नहीं पाए हैं।

सिसोदिया ने कहा, छात्रों के हित में ये फैसला लिया गया है, ताकि फाइनल ईयर के छात्रों को डिग्री भी दी जा सके और वे नौकरी ले लिए आवेदन कर सकें. बता दें, ये फैसला सिर्फ दिल्ली की राज्य यूनिवर्सिटी के लिए है।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि जो फैसला दिल्ली सरकार ने स्टेट यूनिवर्सिटीज के लिए लिया है, वहीं निर्णय केंद्र सरकार केवल दिल्ली के लिए ही नहीं बल्कि देशभर के विश्वविद्यालयों के लिए लें ।

दरअसल इससे पहले दिल्ली सरकार कई बार छात्रों के हित में फैसला ले चुकी है. मनीष सिसोदिया ने बताया, कोरोना वायरस के कारण देश में जो हालात बने, उसकी वजह से स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे, जो अभी भी बंद हैं।

इस दौरान हमने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 9वीं और 11वीं के बच्चों के बारे में फैसला लिया था कि उनको बिना परीक्षा के अगली क्लास में प्रमोट करेंगे. इसी के साथ हमने केंद्र सरकार से 10वीं और 12वीं के बारे में भी यही व्यवस्था करने को कहा था. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से हमें आज्ञा मिल गई है ।

सिसोदिया ने कहा, स्कूल का मामला तो निपटा लिया, लेकिन यूनिवर्सिटीज का मामला थोड़ा पेचीदा होता है. जिस सेमेस्टर को पढ़ाया ही नहीं गया उसके बारे में परीक्षा लेना मुश्किल है. यह दिल्ली सरकार का मानना है।


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