आज़मगढ़ के डीएम एनपी सिंह ने दीपक जलाने के साथ की ध्यान की अपील | गौतमबुद्ध नगर में चलाई थी एक दीपक शहीदों के नाम की मुहिम

Ten News Network

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Greater Noida (05/04/2020) : कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे विश्व में फैला हुआ है। भारत में भी कोरोना को हराने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज यानी 5 अप्रैल को रात्रि 9:00 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों में सभी लोग एक दीया, मोमबत्ती अथवा फ्लैश लाइट जलाएं। इसको लेकर लोगों को अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता को जागरूक किया जा रहा है कि एक दीया आखिर क्यों जलाएं? सभी लोग इस पर अपनी अलग-अलग राय रख रहे हैं। किसी का मानना है कि दीपक के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तो कोरोना से लड़ने में यह सहायक होगा।

वही गौतम बुद्ध नगर के पूर्व व आजमगढ़ के वर्तमान जिला अधिकारी एनपी सिंह का मानना है कि आज जब सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाएं तो उसके साथ मेडिटेशन भी अवश्य करें।

बता दें कि एनपी सिंह एक बेहद काबिल आईएएस अफसर हैं। इसी के साथ साथ वे लेखक, शिक्षक एवं हर क्षेत्र में विद्वान हैं। गौतम बुद्ध नगर के डीएम के पद पर रहते हुए उन्होंने यहां पर सैकड़ों ऐसे कार्य किए जिनके लिए यहां की जनता उन्हें आज भी याद करती है। 14 अगस्त 2015 में उन्होंने गौतम बुध नगर में डीएम के पद पर रहते हुए ‘एक दीया शहीदों के नाम’ मुहिम की शुरुआत की थी। जिसको यहां की जनता ने काफी समर्थन दिया था और सभी लोगों ने इस मुहिम से जुड़ कर एक दिया शहीदों के नाम पर जलाया था।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों का आह्वान किया है कि सभी लोग आज अपने घरों में एक दीपक जलाएं। इस संदर्भ में आईएएस अफसर एनपी सिंह का कहना है कि सभी लोग इसका अनुपालन करें, लेकिन अनुशासन में रहकर इसका अनुपालन किया जाए तो बेहतर है। पिछली बार 22 मार्च को सभी लोगों ने अपने घरों के बाहर आकर तालियां , घंटियाँ, थालियाँ बजाई थी। इस बार ऐसा ना हो , सभी लोग अपने घरों में रहकर एक दीपक जलाएं, अगर उसके साथ मेडिटेशन भी करेंगे तो यह अधिक कारगर होगा।

22 मार्च को ऐसा लग रहा था कि मानव लोग जश्न मना रहे हैं उनका कहना है कि ऐसे समय पर जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए। आपदा के वक्त में जो आह्वान किए जाते हैं, यह सामूहिक एकता एवं सामूहिक ऊर्जा का संचार करने के लिए किए जाते हैं। ऐसे में जो निर्देश मिले हैं उनका अनुपालन होना चाहिए। ऐसे में सभी लोग घरों में अंदर दीपक जलाकर दीपशिखा की चोटी के साथ अपनी ऊर्जा को केंद्रित करें।

उनका मानना है कि अगर हिंदुस्तान की 130 करोड़ जनता मिलकर दीपशिखा की चोटी पर अपनी उर्जा केंद्रित करेगी तो स्वाभाविक रूप से इससे हमारी मानसिक स्थिति व आंतरिक तरंगों को बल मिलेगा और कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में यह बेहद सहायक होगा। इसीलिए सभी लोग सकारात्मक एवं अनुशासनात्मक तरीके से अपने घरों के अंदर दिया जलाएं, उसके साथ ध्यान केंद्रित करें, यही मेरी सभी लोगों से अपील है।

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हर मन की ताकत मिल जाये तो , बुरी बला भी टल जाये।

इन गैर वैज्ञानिक तरकीबों से कोरोना हार तो नहीं जाएगा लेकिन उसके दुष्प्रभाव पर मात करने में मनोबल ज़रूर बढ़ जाएगा।

‘एक दीया शहीदों के नाम’

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