ईशान आयुर्वेदिक काॅलेज में वैदिक हवन के साथ हुआ बी0ए0एम0एस0 के तृतीय बैच का शुभारम्भ
Ten News Network
दिनांक 2.4.2021 को ईशान आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज एंड रिसर्च सेंटर, ग्रेटर नोएडा में बी0ए0एम0एस0 (ठ।डै) कोर्स के तृतीय बैच का शुभारम्भ वैदिक हवन के साथ किया गया।
संस्थान के कैम्पस में प्रातः काल हवन का आयोजन किया गया जिसमें दो कुण्ड में बी0ए0एम0एस0 कोर्स के सीनियर एवं नये (फ्रेशर) छात्र-छात्राओं एवं संस्थान के विभिन्न विभागों के फैकल्टी एवं स्टाॅफ मौजूद थे। वैदिक हवन का आयोजन स्वयं संस्थान के चेयरमैन डाॅ0डी0के0गर्ग जी के मार्गदर्शन में किया गया। हवन के अंत में फैकल्टी एवं सीनियर छात्रों ने फ्रेशर का वेलकम पुष्प वर्षा कर की।
हवन के बाद फ्रेशर छात्र-छात्राओं के लिए ओरिन्टेशन प्रोग्राम आयोजित किया गया। अपने संबोधन में संस्थान के चेयरमैन डाॅ0डी0के0गर्ग ने सभी आयुर्वेदा के छात्रों को कहा कि- वेद अर्थव वेद का उपअंग (उपांग) है। इसके बारे में संदर्भ सहित व्याख्या करते हुए इसकी उपयोगिता को समझाया। उन्होने छात्र-छात्राओं से कहा कि- कैसे पढ़ना चाहिए, आप लोगों की दनि चर्या और ऋतु चर्या कैसी होनी चाहिए।
आयुर्वेद चिकित्सा का सार्वजनिक जीवन में क्या भूमिका है, के बारे में बताया, उन्होने कहा “आयुवेद चिकित्सा से कई तरह के जटिल एवं संक्रामक रोगो का उपचार किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के सहयोग से विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है और इस पद्धति की प्रासंगिकता भी बढ़ी है। अस्थमा, दमा, चर्म रोग एवं विकार, पाचन आदि बीमारियो, आमवात, संधिवात, लकवा, किडनी, लीवर आदि रोगों में लोगों का इस भारतीय प्राचीन पद्धति के प्रति रूझान बढ़ा है और अनेक उपचार केन्द्र दूर-दराज इलाकों में खोले जा रहे है।”
संस्थान के प्राचार्य प्रो0 ए0के0 शर्मा, जाने-माने आयुर्वेद चिकित्सक एवं भूतपूर्व क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी, नोएडा ने छात्र-छात्राओं के साथ आयुर्वेद के बारे में विस्तृत से चर्चा की।
इस अवसर पर डाॅ0 अर्चना प्रजापति ने छात्रों को हर्बल प्लांट (औषधि पेड़-पोधे) एवं उनकी उपलब्धता किन-किन क्षेत्रो मे कौन-कौन सी औषधियाँ प्राप्त होगी और उनका क्या-क्या लाभ गुण होगा और कैसे इनका इस्तेमाल करे इसके बारे में समझाया।
इस अवसर पर डाॅ0 प्रो0 साक्षी बक्शी, डाॅ0 आकांशा ओझा, डाॅ0 प्राची मिश्रा, डाॅ0 आर0पी0सिंह, डाॅ0 एम0के0वर्मा- डीन, ईशान काॅलेज ने सभी छात्र-छात्राओं का अभिवादन किया और आयुर्वेद शिक्षा के बारे में बताया।