भट्टा परसौल गॉव फिर सुर्खियों में आया , ग्रामीणों का आरोप – न टेस्टिंग , न ही मेडिकल सुविधा , दिख रहा है मौत का कहर

Ten News Network

ग्रेटर नोएडा :– गौतमबुद्ध नगर का भट्टा परसौल हर किसी को याद है. साल 2011 में जब भूमि अधिग्रहण का मसला अपने चरम पर था, तब राहुल गांधी मोटर साइकिल पर सवार होकर यहां पहुंचे थे, तब गांव सुर्खियों में आया था. अब दस साल बाद एक बार फिर ये गांव सुर्खियों में आया है, लेकिन इस बार वजह कोई आंदोलन नहीं बल्कि कोरोना का कहर है।

 

 

सात हज़ार की आबादी वाला ये शहर इस वक्त कोरोना वायरस की मार झेल रहा है, किसानों के इस गांव में कुछ दिन पहले ही 35 साल के राजबीर को बुखार आया था, लेकिन बेहतर इलाज ना मिला तो 8 दिन के भीतर उसकी मौत हो गई. अब परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।

 

राजबीर के भाई के मुताबिक, वह बिल्कुल फिट थे लेकिन अचानक ही तबीयत बिगड़ी. जब घर में इलाज हुआ तो कोरोना के लक्षण थे, नौ किमी. दूर जिला अस्पताल में गए तो टेस्ट नहीं हो पाया. फिर घर पर ही इलाज जारी रखा गया, हालात बिगड़े तो नोएडा ले गए लेकिन कहीं अस्पताल में जगह नहीं मिली. फिर अंत में यूपी को छोड़ हरियाणा के पलवल स्थित एक अस्पताल ले गए, जहां ऑक्सीजन लेवल कम हो चुका था, अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी थी और अंत में राजबीर की मौत हो गई।

 

राजबीर के भाई के दर्द से अलग प्रशासन का दावा है कि टेस्टिंग की व्यवस्था है, लेकिन गांववालों ने कहा है कि ये दावे गलत हैं. हालात ये है कि गांव में एक ही दिन में कोरोना से चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि अबतक 12 लोग दम तोड़ चुके हैं।

 

भट्टा परसौल के निवासी रोहित कुमार ने टेन न्यूज़ को बताया कि इस गांव में स्वास्थ्य सुविधा का हाल खराब है. यहां मौजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र की हालत जर्जर है और सिर्फ हफ्ते में एक ही दिन खुल पाता है, वो भी जच्चा-बच्चा की जांच के लिए. ऐसे में जब गांव महामारी से जूझ रहा है तो उसके पास कोई सहारा नहीं है. लोगों के बीच जागरुकता की भी कमी है।

 

वहीं, गांव में मौजूद आयुर्वेदिक अस्पताल को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि यहां सिर्फ चपरासी आता है, वो भी हफ्ते में एक दिन सिर्फ एक घंटे के लिए बैठता है और दवाई देकर निकल जाता है। टेस्टिंग के नाम पर कुछ नही है , यहाँ टेस्टिंग नही हो रही है , मेडिकल सुविधा भी नही है।

 

 

वही इस मामले में टेन न्यूज़ ने जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह से बातचीत की , जिसमे उन्होंने कहा कि शासन की तरफ से जेवर विधानसभा के सभी गॉवों और शहरों में बड़ी संख्या में कोरोना टेस्टिंग हो रही है , जो कोरोना संक्रमित पाया जाता है उसे मेडिसिन कीट दी जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि जेवर विधानसभा में हमने 100 बेड का अस्पताल शुरू करवाया है , जिससे जेवर के निवासियों को नजदीक के अस्पताल में इलाज हो सके।

 

 

धीरेंद्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र की हालत जर्जर का जो मामला सामने आया है , ऐसा कुछ नही है , जो स्टाफ की कमी बता रहे है , वो सभी मेडिकल स्टाफ टेस्टिंग में लगा हुआ है , जेवर में घर घर जाकर टेस्टिंग की जा रही है । वही स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल सुविधा की दुरस्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है , भारी मात्रा में मेडिकल इक्विपमेंट में आ चुका है।


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