मोदी सरकार के खिलाफ 30 संगठनों ने किया प्रदर्शन , भीमा कोरेगांव मामले में पकड़े गए लोगों की रिहाई की मांग

ROHIT SHARMA/ JITENDER PAL- TEN NEWS

(08/06/2019) भीमा कोरेगांव मामले की जांच के सिलसिले में पकड़े गए सामाजिक कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई, अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ तीस संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया ।


आपको बता दे कि देेश के करीब तीस संगठनों ने एक स्वर में कहा कि मौजूदा सरकार क़ानूनों का ग़लत इस्तेमाल करके कथित तौर पर कमज़ोर तबके के हकों की बात करने वालों और बुद्धिजीवियों की आवाज़ दबा रही है जिसे रोका जाना अब वक्त की ज़रूरत बन गया है ।

साथ ही उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच के सिलसिले में पकड़े गए सामाजिक कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई, अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को रोका जाए ।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार के दमनकारी कानूनों, इंम्प्यूनिटी और गिरफ्तारी के ख़तरों” के बारे में लोगों को एकत्रित कर उन्हें आगाह किया है । साथ ही मौजूदा क़ानूनों के ग़लत इस्तेमाल को रोकने की भी मांग की गई.

दरअसल ‘किस किस को कैद करोगे’ नाम का यह आयोजन रिहाई मंच, आइसा, भीम आर्मी, बिगुल मज़दूर दस्ता, मज़दूर एकता संगठन और समाजवादी जनपरिषद समेत करीब तीस संगठनों ने मिल कर किया है।

वही दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि देश के अंदर यूएपीए , एएफएसपीए और एनएसए कानून खत्म किया जाए । साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि अगर कोई संस्था केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाती है तो उस संस्था पर ये तमाम धारा लगाकर उसको जेल में बंद कर देते है । इसलिए आज सैकड़ो की तादात में लोग एकत्रित होकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे है ।

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