भाजपा सांसद विजय गोयल ने एएमआर मीटर में फूंक मारकर खोली मुख्यमंत्री केजरीवाल की पोल
Abhishek Sharma / Rahul Kumar Jha
पानी के बिलों को माफ करने की जो घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है वह एक चुनावी स्टंट है । सांसद एवं पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार ईमानदार बिलों का भुगतान करने वाले करदाताओं को हतोत्साहित कर रही है।
गोयल ने कहा कि जल बोर्ड, जिसके चेयरमैन को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है, वह अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए और जिस तरह से जल बोर्ड में भारी भ्रष्टाचार है उसे दबाने के लिए इस तरह की घोषणाएं की जा रही है। गोयल ने कहा कि पिछले 1 साल में जल बोर्ड ने जो टेंडर किए है उनमें भारी भ्रष्टाचार है जिसका वे शीघ्र ही पर्दाफाश करेंगे ।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली जल बोर्ड के कार्यकलापों पर एक श्वेत पत्र जारी करें, ताकि जनता देखे कि उनके पैसों को किस तरह से केजरीवाल सरकार ने लूटा है। यह छोटी-छोटी घोषणा करके केजरीवाल जनता की वोटों को खरीद नहीं सकेंगे। गोयल ने घोषणा की है कि जिन लोगों ने ईमानदारी से पिछले सालों में पानी के पूरे बिल पेनल्टी के साथ भरे हैं, उनके पैसे दिल्ली सरकार वापस करें। इसका एक हस्ताक्षर अभियान विजय गोयल विभिन्न बाजारों और भीड़भाड़ के इलाकों में जाकर करेंगे। यह अभियान 2 दिन पश्चात दिल्ली के मुखर्जी नगर से शुरू किया जाएगा।
विजय गोयल ने कहा कि चुनाव को देखते हुए केजरीवाल सरकार आनन-फानन में झूठा प्रचार और मुफ्त की योजनाओं को घोषित कर रही है, जो या तो पूरी नहीं होंगी या उसका फायदा जनता को नहीं मिलेगा। गोयल ने जानना चाहा कि पिछली बार 2016-17 में जब पानी के बिलों में इसी प्रकार की छूट दी गई, तब दिल्ली सरकार को 484 करोड रुपए दिल्ली जल बोर्ड को देने थे, क्या वह दे दिए गए?
दिल्ली जल बोर्ड का 5000 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट है, जिसमें 2500 करोड़ प्लान डेवलपमेंट और 2500 करोड रुपए रेवेन्यू नॉन प्लेन के हैं। कल केजरीवाल ने कहा कि पिछले वर्ष जल बोर्ड की आमदनी 1800 करोड़ थी तो 700 करोड़ का घाटा कहां से पूरा कर रहे हैं।यह दिल्ली की जनता जानना चाहती है।
प्रेस वार्ता के दौरान विजय गोयल के साथ दिल्ली की आरडब्ल्यूए के लोग भी मौजूद रहे। जिन्होंने बिजली के बिलों में गड़बड़ी होने की शिकायत की है। इस दौरान विजय गोयल ने पानी के बिल के मीटर में भारी गड़बड़ी होने की बात कही और उन्होंने मौके पर ही मीटर में गड़बड़ी होने के सबूत भी दिए हैं।
गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो 20000 लीटर मुफ्त पानी की योजना बनाई उसमें लोगों के साथ बेईमानी की गई। केजरीवाल द्वारा लगाए गए 23. 7 लाख में से 7 लाख मीटर जो खराब है, उन्हें ठीक नहीं कराया गया और इन 7 लाख लोगों को प्रोविजनल बिल सरकार थमाती रही और इन्हें 20000 लीटर का कोई फायदा नहीं मिला और 22000 लीटर के हिसाब से हर महीने बिल भरना पड़ता है।
हवा से चलने वाले एमआर मीटरों का खुद केजरीवाल विरोध करते थे। उन्हीं मीटरों से आज चार लाख उपभोक्ता तेज भागते मीटरों की मार झेल रहे हैं। जिनके हजारों के बिल बनते हैं आज इनके बिल तो माफ हो गए हैं पर आगे क्या यह मीटर अनाप-शनाप बिल बनाना बंद कर देंगे?