एमसीडी ने कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स को कई गुना बढ़ाकर दिल्ली वालों को दोहरी मार दी- सौरभ भारद्वाज

ROHIT SHARMA

नई दिल्ली :– आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज भाजपा शासित तीनों एमसीडी में किए जा रहे भ्रष्टाचार की सीरीज भाजपा 181 की तीसरी किस्त मीडिया के जरिए दिल्ली के लोगों के सामने रखी।

 

उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगमों ने कोरोना महामारी के बावजूद कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स को कई गुना बढ़ाकर दिल्ली वालों को दोहरी मार दी है। और अब भाजपा शासित नगर निगम सभी प्रकार की संपत्तियों पर प्राॅपर्टी टैक्स 34 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव ला रही है, जिससे अमीर से लेकर गरीब तक प्रभावित होगा।

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक तरफ एमसीडी में बैठी भाजपा ने दिल्ली वालों से कई गुना प्राॅपर्टी टैक्स वसूला और दूसरी तरफ अपने चहेते विज्ञापन ठेकेदारों एवं पार्किंग ठेकेदारों का मार्च से लेकर सितंबर तक का बकाया माफ कर दिया।

भाजपा नगर निगमों में अपनी हार को देख रही है और इसीलिए सत्ता से बाहर जाते-जाते एमसीडी को लूटने के लिए अब कीमती संपत्तियों को बेच कर भागने की तैयारी में है।

 

आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम में इतना भ्रष्टाचार है कि हम प्रतिदिन उनके एक-एक भ्रष्टाचार का खुलासा करते-करते थक जाएंगे, मीडिया इस खबर को छापते-छापते थक जाएगी, परंतु भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि भाजपा के लोग जानते हैं कि जनता भलीभांति इस बात को समझ चुकी है कि भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुकी है।

 

उन्होंने कहा कि मार्च में कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया, जिसकी वजह से लाखों लोगों की नौकरियां चली गई, लोगों के काम धंधे बंद हो गए, लोगों के घरों में रोटी के भी लाले पड़ गए। बड़े ही शर्म की बात है कि ऐसी आपदा के समय में जब सरकार को आम जनता को टैक्स में छूट देनी चाहिए थी, तब भाजपा की नगर निगम ने छूट देने की बजाय प्राॅपर्टी टैक्स 2 गुना, 3 गुना यहां तक कि कई जगहों पर 4 गुना तक कर वसूला। खासकर कमर्शियल प्रॉपर्टी के मालिकों से सबसे ज्यादा टैक्स बढ़ा कर वसूला गया। भाजपा ने एक बार भी नहीं सोचा कि जहां लोगों के घर में रोटी खाने तक के पैसे नहीं हैं, ऐसे में 4 गुना टैक्स बढ़ाकर जनता पर कैसी मार पड़ेगी।

 

 

भाजपा शासित नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के एजेंडा की प्रति मीडिया के समक्ष रखते हुए उन्होंने बताया कि इस एजेंडा के तहत भाजपा शासित नगर निगम सभी प्रकार की संपत्ति कर में 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने जा रही है। जिसके तहत गरीब से गरीब और आदमी को भी 34 प्रतिशत बढ़ाकर प्राॅपर्टी टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बड़े ही आश्चर्य की बात है, कि भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम आम जनता पर तो 2 गुना, 4 गुना टैक्स बढ़ाकर उनका खून चूसने की तैयारी कर रही है, परंतु अपने चहेते विज्ञापन ठेकेदारों एवं पार्किंग ठेकेदारों का मार्च से लेकर सितंबर तक का बकाया कर माफ करने का प्रस्ताव भी इस एजेंडा में लेकर आ रही है। इस एजेंडा के मुताबिक, भाजपा का मानना है कि इस लाॅकडाउन के समय उनके चहेते ठेकेदारों का बहुत नुकसान हुआ है। इस एजेंडा में एक और चैंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम अपने चहेते ठेकेदारों का बकाया कर माफ करने के लिए लॉकडाउन के समय के नाम का इस्तेमाल कर रहा है, परंतु वास्तव में मार्च से लेकर सितंबर तक का कर्ज माफ करने की तैयारी में है, जबकि जून में ही लॉकडाउन खोल दिया गया था।

 

उन्होंने बताया कि यह काम केवल उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ही नहीं हो रहा है, बल्कि भाजपा शासित पूर्वी नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाले विज्ञापन ठेकेदारों और पार्किंग ठेकेदारों का मार्च से लेकर सितंबर तक का बकाया टैक्स पहले ही माफ कर चुकी है।

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा बताए कि किस सिद्धांत के तहत भारतीय जनता पार्टी यह कदम उठा रही है। एक तरफ तो आम आदमी को, आम व्यापारी को, आम नौकरी करने वाले व्यक्ति को भाजपा शासित नगर निगम हर रोज लूट रही है। प्रतिदिन उसका टैक्स बढ़ा-बढ़ा कर आम आदमी का खून चूसने का काम कर रही है और दूसरी तरफ अपने चहेते ठेकेदारों का लाखों रुपए का बकाया टैक्स माफ कर रही है।

 

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा, क्योंकि भाजपा को पता चल चुका है कि इनके भ्रष्टाचार से तंग आकर जनता ने इस बार इनको तीनों निगमों से बाहर निकाल फेंकने का मन बना लिया है। इसीलिए भाजपा जाते-जाते अब नगर निगमों के अधीन आने वाली बहुमूल्य संपत्तियों को भी बेचने लगी है। उदाहरण देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि नानी वाला बाग में भाजपा की नगर निगम करोड़ों रुपए की जमीन को नीलाम कर रही है, इसी प्रकार से नॉवल्टी सिनेमा के सामने नगर निगम के अधीन आने वाली करोड़ों रुपए की जमीन को भी नीलाम किया जा रहा है। यही नहीं, जमीनों की और भी एक लंबी फेहरिस्त है, जिसे बेचकर भारतीय जनता पार्टी भागने की तैयारी में है।

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