नई दिल्ली :– कैब संचालक कंपनी(ओला, उबर) के ड्राइवरों ने एक सितंबर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। दोनों कंपनियों से जुड़े चालकों ने कंपनियों के कमीशन में कटौती, बकाया ऋण के भुगतान के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय देने की मांग है।
लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे चालकों की तरफ से लगातार राहत की मांग पर सुनवाई न होने पर उन्हें एक सितंबर से हड़ताल की चेतावनी दी है। कैब संचालकों की हड़ताल से यात्रियों की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं। हालांकि, एक यूनियन की तरफ से अभी भी इसपर निर्णय लिया जाना बाकि है।
सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत सिंह गिल ने कहा कि कैब संचालकों के साथ काम करने वाले करीब दो लाख चालकों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार की ओर से पहल नहीं की गई है।
कैब चालकों की मांग है कि किश्तों के भुगतान को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जाए ताकि चालकों को राहत मिल सके।
एसोसिएशन की मांग की है कि कैब कंपनियां मौजूदा कमीशन की दरें घटाने सहित 40 किलोमीटर से अधिक रफ्तार पर किए गए ई-चालान को वापस लेने की मांग की है। कैब चालकों की एक सितंबर से हड़ताल होने से दिल्ली-एनसीआर कडे लोगों को काफी परेशानी से जूझना पड़ेगा।
महामारी के दौरान बसें संचालित हो रही हैं, लेकिन कैब संचालकों की मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। गिल ने कहा कि बैंकों की तरफ बकाया किश्त में देरी होने पर 5500 रुपये चेक बाउंस चार्ज लगाए जाने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
केंद्र सरकार की ओर से किश्तों के भुगतान के लिए 31 अगस्त तक की राहत दी है, लेकिन ड्राइवरों की मांग है इसे 31 दिसंबर तक इसे बढ़ाया जाना जाए।
दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि चालकों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि किश्त नहीं चुका पा रहे हैं। एक सितंबर से हड़ताल पर फिलहाल निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन सभी चालकों के साथ हैं।